वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक के दौरान यूक्रेन में चल रहा युद्ध सबसे बड़ी चर्चा के रूप में उभर रहा है। जिसमें यूक्रेन की महिला सांसदों के एक समूह ने रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाने के लिए बात कही है।


दावोस (पीटीआई)। यूक्रेन के सांसदों ने रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाने के लिए कहा , उन्‍होंने यह भी कहा कि यह करने का मतलब व्लादिमीर पुतिन की 'तानाशाही' के युद्ध के खिलाफ युद्ध जीतना होना चाहिए। रविवार की देर रात पत्रकारों के एक समूह को संबोधित करते हुए पांचों सांसदों ने यह भी कहा कि युद्ध जीतने का मतलब क्रेमिया को वापस पाना होगा। उन्‍होंने यह भी बताया कि क्रेमिया को रूस ने सालों पहले अपने कब्जे में ले लिया था। उन्होंने आगे कहा कि मानवीय, फाइनेंशियल और हथियार समर्थन के साथ इस युद्ध को जीतने में पश्चिम के लिए यूक्रेन का समर्थन करना आवश्यक था। जिससे भविष्य में रूस दुनिया के किसी अन्य देश में युद्ध न छेड़ सके।मानवाधिकारों पर ध्यान किया केंद्रित


सांसदों में येवेनिया क्रावचुक, एक पूर्व पत्रकार और राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के सर्वेंट ऑफ़ द पीपल पार्टी के प्रेस कार्यालय के पूर्व प्रमुख शामिल थे। सांसदों में एलोना शकरम भी शामिल हैं। जिन्होंने संसद सदस्य और वकील के रूप में मानवाधिकारों पर ध्यान केंद्रित किया है। साथ ही उन्‍होंने देश में हो रहे विनाश को सुनाया और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया से यूक्रेनी पत्रकारों का समर्थन करने का आवाहन किया। कई पत्रकारों को भी गंवानी पड़ी है अपनी जान

क्रावचुक ने कहा कि युद्ध में कई पत्रकारों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी है, कुछ काम पर रहते हुए, और अन्य जिन्होंने यूक्रेनी सेना के साथ लड़ने का फैसला किया। क्लाइमेंको ने कहा कि आपको हमारे लिए मरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि रूसी हमले ने फूड इनसिक्योरिटीऔर युद्ध के अन्य परिणामों के कारण दुनिया भर में लाखों लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ा है। सांसदों ने कहा कि उनका उद्देश्य इस युद्ध को जीतना है। साथ ही भारी हथियार उपलब्ध कराना और रूसी तेल और गैस का बहिष्कार करना, पश्चिम का सबसे बड़ा "मानवीय" योगदान था।

Posted By: Kanpur Desk