अब इसे भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' परियोजना के लिए बड़ी उपलब्धि ही कहेंगे कि रूसी सरकार ने एक और परियोजना के लिए भारत को चुना है। रूस की सरकार ने अपनी इस नई परियोजना के भारत में अनिल अंबानी के नेतृत्‍व वाले रिलायंस समू‍ह की एक कंपनी को अपना साझेदार बनाया है। जानकारी है कि दोनों के बीच ये साझेदारी सेना और वायुसेना के लिए करीब 197 हेलीकॉप्‍टर बनाने के लिए हुई है। इस प्रोजेक्‍ट को लेकर कुल मिलाकर 6000 करोड़ रुपये की परियोजना तैयार की गई है।


अब तक का होगा सबसे बड़ा समझौता सूत्रों से प्राप्त जानकारी पर गौर करें तो भारत सरकार के 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत ये अब तक का सबसे बड़ा समझौता साबित होगा। साथ ही ये भी बताया गया कि इसके तहत कामोव 226टी श्रेणी के 197 हेलीकॉप्टरों का निर्माण देश में ही किया जाएगा। बड़ी बात ये भी है कि ये अब 30 वर्षों से अहम क्षेत्रों में सेवा दे रहे चेतक और चीता हेलीकॉप्टर बेड़ों की जगह लेगा।रिलायंस डिफेंस के प्रवक्ता का ये है कहना


इस बारे में रिलायंस डिफेंस के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' और 'स्किल इंडिया' सरीखे कार्यक्रमों में बेहद खुशी के साथ हिस्सा लेने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। यहीं नहीं उन्होंने ये भी कहा कि देश की जरूरतें पूरी करने के लिए सैन्य और असैन्य हेलीकॉप्टरों का निर्माण इस प्रतिबद्धता का एक सबसे बड़ा और अहम हिस्सा है।सूत्रों का ऐसा है कहना

सूत्रों से मिली जानकारी पर गौर करें तो सामने आया है कि परियोजना का कार्यान्वयन एक संयुक्त उपक्रम कंपनी की मदद से किया जाएगा। इसको लेकर रिलायंस डिफेंस की नवगठित हेलीकॉप्टर इकाई का चयन किया गया है। बताते चलें कि रिलायंस डिफेंस रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की ही कंपनी है। वहीं अब कंपनी तेजी के साथ औद्योगिक लाइसेंस हासिल करने की प्रक्रिया में है।रूस के राष्ट्रपति ने पीएम के सामने रखा था प्रस्ताव याद दिला दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गत वर्ष भारतीय दौरे के समय दिसंबर में मोदी के सामने इस तरह का प्रस्ताव रखा था। उसके बाद रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता में मई के महीने में रक्षा खरीद परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को पूरी तरह से मंजूरी दे दी गई थी। वैसे बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में रिलायंस समूह की कंपनी पिपावाव डिफेंस को रूस के ज्योज्दोच्का शिपयार्ड ने 24 ईकेएम-877 पनडुब्बियों को भारत में मरम्मत करने के लिए चुना था।Hindi News from Business News Desk

Posted By: Ruchi D Sharma