विंबलडन की परंपरा है कि महिलाओं के सेमीफ़ाइनल की विजेता फ़ाइनल से एक दिन पहले संवाददाताओं से बात करती हैं. लेकिन अचानक बीमार हो जाने के कारण राडवांस्का को यह प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द करनी पड़ी.

प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू तो हुई लेकिन उन्हें साँस लेने में तकलीफ होने लगी और उनके मुँह से शब्द निकलने बंद हो गए। उन्होंने पानी पी कर अपनी खांसी रोकने की कोशिश की लेकिन इससे बात बनी नहीं। शाम को उनके कोच ने एक वकतव्य जारी कर कहा कि ब्रिटेन का कभी ठंड कभी गर्म वाला मौसम रडवांसका को रास नहीं आया और उनकी यह हालत हो गई।

उस पर तुर्रा ये कि उन्हें डोपिंग के नियमों के चलते कोई दवा लेने की छूट भी नहीं थी। बकौल उनके कोच वह अपनी इस बीमारी को लहसुन खा कर और शहद वाली चाय लेकर दूर करने की कोशिश कर रही थीं।

ज्यादा से ज्यादा उन्हें एसपिरिन खाने की छूट थी। रडवांसका 2005 में जूनियर विंबलडन चैम्पियन रह चुकी हैं। अगर वह इस बार सेरीना विलियम्स को फाइनल में हरा देती हैं तो दुनिया की नंबर एक टेनिस खिलाड़ी बन जाएंगी।

फ़ोल्डिंग छतविंबलडन के सेंटर कोर्ट पर लगी फ़ोल्डिंग छत का जितना इस बार इस्तोमाल हुआ है उतना कभी भी नहीं हुआ। इसको 2009 में लगाया गया था।

इसका वजन 1000 टन है और इसकी जमीन से ऊंचाई 16 मीटर है। इसकी बनावट इस तरह की है कि इसके बंद होने के बाद इसके अंदर हवा और रोशनी का स्तर वही रहता है जो छत खुली होने पर रहता है।

छत को बंद करने में तो मात्र 10 मिनट का समय लगता है। लेकिन हवा के बहाव को नियंत्रित करने में 20 मिनट और लग जाते हैं। हाँलाकि छत पारदर्शी है लेकिन फिर भी इसके अंदर प्रकाश की व्यवस्था की गई है। 69 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने वाली हवा के बीच भी छत को खोला जा सकता है।

छत के बंद होने में लगने वाले समय के कारण कुछ खिलाड़ी इसे पसंद नहीं कर रहे हैं। रफेल नडाल के लुकास रोसोल के साथ मैच में छत को बंद होने में 35 मिनट का समय लग गया। नडाल की लय जाती रही और आराम कर वापस आए रोसोल ने उनकी एक नहीं चलने दी।

छत की काफी आलोचना करने वाले लोगों में वही हैं जो विंबलडन के बढ़ते बाज़ारीकरण का विरोध करते आए हैं। वैसे विंबलडन की खास बात ही यही मानी जाती है कि यहाँ परंपरा और आधुनिकता का अच्छा सम्मिश्रण देखने को मिलता है। लेकिन फिलहाल लगता है कि आधुनिकता का पलड़ा थोड़ा भारी हो रहा है।

दर्शकों में सचिन भी

फ़ेडरर और जोकोविच के बीच होने वाले मैच को देखने के लिए सचिन तेंदुलकर खास तौर से पत्नी समेत भारत से वहाँ पहुँचे। उनको रॉयल बॉक्स में बैठने की जगह दी गई।

तेंदुलकर टेनिस के साथ-साथ रोजर फ़ेडरर के भी दीवाने हैं। उन्होंने श्रीलंका जाने वाली भारतीय टीम में शामिल न होने का फैसला किया है। वह हर साल विंबलडन आना नहीं भूलते। पिछले साल भी वह यहाँ आए थे और तब भी उन्हें रॉयल बॉक्स में बैठाया गया था।

इस बार तेंदुलकर के साथ पॉप गायिका केली मेनॉग, उनके ब्वॉय फ़्रेंड आंद्रे वेलेन्कोसो, रॉड लेवर, गोरान इवानिसेविच और मैनुअल संताना ने भी जोकोविच और फेडरर के बीच हुए मैच को देखा।

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व टेनिस खिलाड़ी मार्क फ़िलिपोसिस को जब रॉयल बॉक्स में मैच देखने का न्योता मिला तो उन्होंने उसी समय जा कर नया सूट खरीदा और वही सूट पहन कर वह मर्रे और सोंगा का मैच गेखने गए।

Posted By: Inextlive