क्रिकेट के मैदान पर रिकार्डों का अंबार लगाने के बाद मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपनी संसदीय पारी खेलते हुए कहा है कि भारत में खेलों को बढ़ावा देने के लिए सबसे ज़रुरी है कि इन्हें अनिवार्य शिक्षा का हिस्सा बना दिया जाए.

सचिन तेंदुलकर ने राज्य सभा सांसद की हैसियत से भारतीय खेलों पर एक दृष्टिपत्र (विज़न डॉक्युमेंट) तैयार किया है और इसे मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल व खेल मंत्री अजय माकन को सौंप दिया है।

भारतीय खेलों के लिए भविष्य की योजनाओं पर सचिन तेंदुलकर ने दो पेज के विज़न डॉक्युमेंट के साथ-साथ एक स्लाइड शो सौपा है। इसमें सचिन ने खेलों के विकास के लिए मुख्य रुप से चार पहलुओं की चर्चा की है।

सचिन के विज़न डॉक्युमेंट में बाताया गया है कि किस तरह से उभरते हुए युवा खिलाड़ियों की पहचान कर उन्हें बढ़ावा दिया जाए। किस तरह से विश्विद्यालय और कॉलेज स्तर पर खेलों को बढ़ावा दिया जाए, खेलों के बुनियादी ढ़ांचे का पुनर्निर्माण किया जाए और हर भारतीय के लिए शारीरिक गतिविधि को अनिवार्य करना क्यों जरुरी है।

खेलना अनिवार्य

कहा जा रहा है कि सचिन ने 2012 में ओलंपिक में भारत के बेहतर प्रदर्शन को देख कर ही प्रेरणा ली है। सचिन तेंदुलकर का सुझाव है कि भारत में खेलों को बढ़ावा देने के लिए इसे अनिवार्य स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बना दिया जाए। अभी तक खेलों को अन्य गतिविधियों के रुप में पाठ्यक्रम में शामिल किया जाता है।

सामाचार ऐजेंसी पीटीआई के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने तेंदुलकर को इन सुझावों पर चर्चा के लिए बुलाया है। इससे पहले, राज्य सभा में बतौर सांसद शपथ लेने के बाद सचिन तेंदुलकर ने कहा था कि वह राज्य सभा में चीख-चिल्ला कर अपनी बात नहीं रखेंगे और विनम्रता के साथ मुद्दों को उठाएंगे।

Posted By: Inextlive