350 बुनकर परिवारों को क्रिकेट के भगवान ने दी हैं सोलर लाइटें। 2022 तक 10 हजार गरीबों की झोपड़ी को रोशनी देने का लक्ष्य

BARABANKI (4 Oct): आपका काम कैसा चल रहा है।।। बच्चों की पढ़ाई हो रही हैं कि नहीं? जमीरुद्दीन और इलियास के दरवाजे से सीलन भरी कोठरी तक पहुंचने के क्रम में यह बेहद आम सवाल जब क्रिकेट के भगवान ने पूछे तो इन बुनकर परिवारों के लिए बेहद खास हो गए। बाराबंकी के बड़ा गांव के लोगों ने मैदान में गेंदबाजों की पिटाई करते और विज्ञापनों में तो सचिन तेंदुलकर को देखा था, लेकिन बुधवार को साक्षात देख सहसा आंखों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था।

 

बंद हो जाता था काम

मसौली के बड़ा गांव में सचिन तेंदुलकर ने श्नाइडर इलेक्ट्रिक के जरिये यहां के 350 परिवारों को सोलर इलेक्ट्रिक सिस्टम दिए हैं। यह लाइटें बुनकर परिवारों को दी गईं हैं। जिनके घरों और झोपडिय़ों में शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता था। अंधेरे में ढिबरी की रोशनी के बीच जरदोजी और कपड़ा बुनाई का काम बंद हो जाता था। पर अब सोलर सिस्टम के जरिये बुनकरों और जरदोजी कलाकार अब रात में भी अपने घरों में काम कर सकेंगे। सचिन बुधवार को इन्हीं परिवारों के जीवन में आये बदलाव से रूबरू होने बाराबंकी आये थे।

 

मेरे घर में आपने फैलाया उजियारा

जमीरुद्दीन ने सचिन को बताया कि अब बुनाई और जरदोजी का काम सही चल रहा है। लाइट मिली है तो बच्चे भी पढ़ते-लिखते हैं। मेरे घर में आपने उजियारा फैलाया है। इलियास के घर उनकी बेटी जुलेखा बानो हथकरघा पर काम करती मिली। सचिन को देख हाथ जोड़ कर खड़ी हो गई। सचिन के पूछने पर बताया पहले ढिबरी जलाते थे साहब। ढिबरी का तेल कपड़ों पर गिर जाता तो मजदूरी से कीमत देनी पड़ती थी। अब सब ठीक हो जायेगा। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मास्टर ब्लास्टर भी भावुक नजर आये। बोले, अंधेरे में जीने के आदी हो चुके गरीब परिवारों को सोलर बिजली देने की शुरुआत यूपी के बड़ा गांव से करते हुए बेहद खुशी हो रही है। वर्ष 2022 तक 10 हजार गरीबों की झोपड़ी को रोशनी देने का लक्ष्य है।

 

अभी लोगों के दिल में हूं

बड़ागांव में सचिन ने देखा कि उनका जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। अपनी फैंस फालोवर्स में अब भी क्रेज बरकरार है, यह बात सचिन की जुबां पर आ गई। उन्होंने कहा 1994 के बाद आज लखनऊ आया। उसके बाद जब लखनऊ से बाराबंकी की तरफ बढ़ा तो पुरानी यादें ताजा हो गईं। यहां आकर लगा कि अब भी लोग हमसे प्यार करते हैं। लोग अब तक हमें याद रखें हैं और आपकी इतनी चाहत का अंदाजा तो यहां आकर ही हो पाया।

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Posted By: Chandramohan Mishra