भारतीय टीम के मशहूर खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर की आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माई वे’ लोगों के बीच काफी पॉपुलर हो चुकी है। सबसे ज्‍यादा बिकने वाली किताबों की सूची में भी इसने जगह बना ली है। इसके बाद अब यह ‘लिम्का बुक आफ रिकार्डस’ में शामिल हो गई है।


सबसे ज्यादा बिकीभारतीय टीम के मशहूर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट की दुनिया को अलविदा कहने के बाद भी चर्चा में हैं। उनकी लोकप्रियता आज भी पहले जैसी ही है। इसका उदाहरण उनकी लिखी आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माई वे’ पेश कर रही है। यह किताब लोगों के बीच काफी पसंद की जा रही है। शायद इसीलिए आज यह गैर कथा आधारित वर्ग में सबसे ज्यादा बिकने वाली पेपरबैक किताब बन चुकी है। अब तक  1,50,289 प्रतियां ‘आर्डर सब्सक्रिप्शंस’ से बिक चुकी हैं। इसकी कीमत 899 रूपये थी जिससे 13.51 करोड़ रुपये की कमाई हुई। इतना ही नहीं इस किताब ने दुनिया की शीर्ष वयस्क लोगों की किताबों को भी पीछे छोड़ दिया है। इनसे निकली आगे
सचिन की बुक हार्डबैक डैन ब्राउन की इनफर्नो, वाल्टर इसाकसन की स्टीव जाब्स और जे के रॉलिंग की कैजुअल वैकेंसी से भी आगे निकल गई है। शायद इसीलिए यह किताब अब ‘लिम्का बुक आफ रिकार्डस’ में कीर्तिमान स्थापित करने के लिए शामिल हो गई है। सबसे खास बात तो यह है कि यह छह नवंबर 2014 को जारी हुई थी। इस किताब का प्रकाशन हैचेट इंडिया ने किया था। बोरिया मजूमदार तेंदुलकर की इस आत्मकथा के सह लेखक थे। सबसे खास बात तो यह है कि पहले दिन के आर्डर ही प्री आर्डर में यह अव्वल रही। इसके अलावा लाइफटाइम सेल्स में भी इसने रिकॉर्ड बनाया है।

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Posted By: Shweta Mishra