सचिन की मर्जी के खिलाफ मैंने उन्हें No.4 पर खिलाया: गांगुली
क्यों नहीं थे सचिन खुशक्रिकेट को बॉय- बॉय कह चुके प्लेयर्स अकसर अपने करियर और लाइफ से जुडी़ उन बातों का खुलासा करते हैं, जो शायद हमें उनके रिटायरमेंट से पहले नहीं पता होती. क्रिकेट से संन्यास ले चुके टीम इंडिया के फॉर्रमर कैप्टेन सौरव गांगुली ने ऐसा ही एक सनसनीखेज किया है. गांगुली ने एक संकलन 'सचिन तेंदुलकर : द मैन क्रिकेट लव्ड बैक' में लिखे अपने आर्टिकल एक आर्टिकल के जरिए ये खुलासा किया है. आर्टिकल के एकॉर्डिंग दिग्गज बेट्समैन सचिन तेंदुलकर तब बहुत अधिक खुश नहीं थे. जब 2002-03 में तत्कालीन कप्तान गांगुली ने उन्हें वनडे मैचों में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने को कहा था.सचिन से ओपनिंग का फैसला
पिछले साल संन्यास लेने वाले तेंदुलकर और गांगुली ने 341 अंतरराष्ट्रीय मैच एक साथ खेले हैं. उनमें 143 मैचों में गांगुली ने कप्तानी की है. गांगुली ने बताया, 'मैंने सचिन से कुछ समय के लिए नंबर चार पर खेलने को कहा था. बाद में जब सचिन इस पर राजी हुए और इससे कोई परेशानी नहीं हुई तो ऐसा चलता रहा. जब दक्षिण अफ्रीका में 2003 विश्व कप में यह रणनीति नहीं चल पाई तो सचिन फिर से पारी का आगाज करने लगे. आर्टिकल में पुराने दिनों को याद करते हुए गांगुली ने दावा किया कि 2003 में विश्व कप में सचिन से ओपनिंग कराने का फैसला उन्हीं का था.खिलाडी़ अपने लय खो रहे थेअपने लेख में गांगुली ने इनडाइरेक्ट वे में महेंद्र सिंह धौनी को भी निशाना. उन्होंने लिखा है, एक कैप्टेन के रूप में तेंदुलकर को नाकाम बताया जाता है. तेंदुलकर की कैप्टेंसी में भारत ने चार टेस्ट जीते और नौ हारे थे, लेकिन सचिन को लेकर इस सोच से आगे की सच्चाई कुछ और है. सचिन ने अपनी कैप्टेंसी में दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया के मुश्किल दौरों का सामना किया, इसके बावजूद उन्होंने लगातार आठ मैच नहीं गंवाए. वो भी तब जब सचिन बेहतर टीम का नेतृत्व नहीं कर रहे थे और पुराने खिलाड़ी अपनी लय खो रहे थे.'द्रविड़, लक्ष्मण और युवराज ने भी दिया सम्मान
बुक में राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और युवराज सिंह जैसे टीम के पुराने साथियों ने भी सचिन के प्रति सम्मान व्यक्त किया है. तेंदुलकर के साथ टेस्ट मैचों में रिकॉर्ड 6920 रन बनाने वाले द्रविड़ ने कहा, 'उनके लेग साइड में फ्लिक करने से यह संकेत मिलता था कि वह बहुत अच्छी फॉर्म में हैं. क्रिकेट एक ऐसा खेल है. जिसमें स्वाभाविक रूप से ऑफ साइड में आपको अधिक क्षेत्ररक्षकों का सामना करना पड़ता है, विशेषकर सीमित ओवरों के क्रिकेट में, गेंदबाज उसी लाइन में कसी हुई गेंदबाजी करना पसंद करते हैं।'Hindi news Sports news desk, inextlive