सहारा चीफ सुब्रत राय की रिहाई के लिए सहारा ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक नया प्रस्ताव रखा है. वहीं नए प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट मनडे को सुनवाई करेगा


रिहाई के 60 दिन बाद 2500करोड़सहारा ने अपने प्रमुख सुब्रत राय व कंपनी के दो अन्य निदेशकों की रिहाई के लिए सुप्रीमकोर्ट में नया प्रस्ताव पेश किया है. इसमें 2,500 करोड़ रुपये छह दिन के भीतर और बाकी के ढाई हजार करोड़ रिहाई के बाद 60 दिन में देने की बात कही गई है. शीर्ष अदालत ने इस प्रस्ताव पर गुरुवार को तत्काल विचार करने से इन्कार कर दिया. इस पर मनडे को सुनवाई होगी. सहारा की दलील


सहारा ने निवेशकों का पैसा वापस किए जाने के बारे में कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कंपनी ने निवेशकों का पैसा वापस कर दिया है. सेबी को भुगतान के बाउचर भी दिए जा चुके हैं, लेकिन नियामक ने उनकी जांच नहीं की है. सहारा की दलील थी कि निवेशकों को नगद भुगतान किया गया है. सहारा समूह की दो कंपनियों ने निवेशकों से 24,000 करोड़ रुपये की रकम वसूली थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस रकम को सूद समेत वापस करने का आदेश दे रखा है.  सुब्रत राय और कंपनी के दो निदेशक शीर्ष अदालत के आदेश पर गत चार मार्च से जेल में हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिहाई के लिए 10,000 करोड़ रुपये अदा करने की शर्त रखी है. मामले की सुनवाई जस्टिस केएस राधाकृष्णन व जेएस खेहर की पीठ सुनवाई कर रही है.कोर्ट को हटानी होगी रोकसहारा की ओर से पेश प्रस्ताव में कहा गया है कि समूह पांच हजार करोड़ रुपये की नगद राशि के अलावा पांच हजार करोड़ की बैंक गारंटी 90 दिन के भीतर दे देगा. इसका इंतजाम करने के लिए कोर्ट को खातों के संचालन व संपत्तियों की खरीद-फरोख्त पर लगी रोक हटानी होगी. सहारा ने उन संपत्तियों और खातों का ब्योरा दिया है, जिन पर से वह रोक हटवाना चाहता है. समूह ने कहा है कि इसके अलावा पूंजी बाजार नियामक सेबी को एक निश्चित समय के भीतर उसकी ओर से सौंपे गए पैसा वापसी वाउचरों की जांच करनी होगी. सहारा के वकील राम जेठमलानी व राजीव धवन ने गुरुवार को पीठ से तत्काल इस प्रस्ताव पर विचार करने का अनुरोध किया. आज ही मिल जाए रिहाई के आदेश

उन्होंने कहा कि वो कोर्ट को भरोसा दिलाते हैं कि कंपनी पेश किए गए इस प्रस्ताव पर अमल करेगी. कोर्ट उनकी ओर से दिए गए भरोसे को आदेश में दर्ज कर ले और आज ही सुब्रत और दोनों निदेशकों की रिहाई का आदेश दे दे. अगर आदेश नहीं हुआ तो तीनों को तीन-चार दिन और जेल में रहना पड़ेगा, क्योंकि तीन दिन तक छुट्टियां है. लेकिन पीठ ने इस अनुरोध पर विचार करने से इन्कार करते हुए कहा कि सहारा को सुबह ही प्रस्ताव दे देना चाहिए. इससे उन्हें प्रस्ताव को देखने का कुछ समय मिलता. अब वे इस पर सोमवार को ही विचार करेंगे. सहारा चाहे तो इस बीच अपने प्रस्ताव में संशोधन कर सकता है.Hindi news from National news desk, inextlive

Posted By: Subhesh Sharma