उम्मीदों के उतार-चढ़ाव में झूलतीं साइना और सिंधु
बीते शनिवार को मकाऊ ओपन ग्रां प्री गोल्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट अपने नाम करने वाली भारत की उभरती खिलाड़ी पीवी सिंधु का यह कहना उनके बारे में काफी कुछ बताता है. फाइनल में सिंधु ने कनाडा की मिशेल ली को 21-15, 21-15 से मात दी जबकि सेमीफाइनल में उन्होंने चीन की क्वालिफायर किन जिनजिंग को 21-13, 18-21, 21-19 से हराया था.पीवी सिंधु की क्षमता पर तो शायद ही किसी को कोई शक हो क्योंकि इसी साल वह विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकी है. ऐसी महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने वाली वह पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं.इसके बावजूद पीवी सिंधु को अभी विश्व बैडमिंटन में लंबा रास्ता तय करना है. मकाऊ ओपन में उन्हें शीर्ष वरीयता दी गई थी.
उन्होंने अपनी वरीयता के साथ न्याय भी किया. इससे पहले सिंधु ने मलेशियन ओपन भी जीता था. मकाऊ ओपन की जीत के बाद सबकी निगाहें सिंधु पर होंगी क्योंकि भारत की एक और बैडमिंटन स्टार खिलाड़ी साइना नेहवाल के सितारे इन दिनों इतने अच्छे नहीं चल रहे हैं. दरअसल साइना नेहवाल ने इस साल कोई भी ख़िताब नहीं जीता है.
हालांकि उन्होंने पहली इंडियन बैडमिंटन लीग में बेहद शानदार प्रदर्शन किया था. साइना नेहवाल एक चैंपियन खिलाड़ी की तरह आईबीएल में खेलीं और अपनी फ्रैंचाइज़ी को चैंपियन बनाकर ही दम लिया.आईबीएल में साइना नेहवाल और पीवी सिंधु किसी टूर्नामेंट में पहली बार आमने-सामने थीं. दिल्ली में हुए उस मुक़ाबले में साइना के सामने सिंधु टिक नहीं सकीं और उनका यही हाल दूसरी भिड़ंत में हुआ.नाकामी का सिलसिला
कुल मिलाकर आंकड़े यह साबित करते हैं कि पीवी सिंधु और साइना नेहवाल का प्रदर्शन इस साल उन ऊंचाइयों को नहीं छू सका जिसकी उम्मीद थी लेकिन सिंधु अभी सिर्फ 18 साल की हैं इसलिए उनका भविष्य बेहद उज्ज्वल है. साइना नेहवाल भले ही इस साल अधिक कामयाब नहीं रही लेकिन यह भी सच है कि वह कई ख़िताबी जीत के बेहद क़रीब आकर भी हार गईं.सिंधु के लिए कामयाबी का सफर अभी शुरू ही हुआ है तो साइना अपने अनुभव के दम पर अगले साल वैसी वापसी कर सकती है जैसी उनसे उम्मीदें हैं.