Birthday special: World no 2 बनते ही साइना ने दो को दिया श्रेय, जानें कौन हैं दोनों
कोच और पैरेंट्स को दिया श्रेय
ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप में ऐतिहासिक एकल खिताब जीतने से चूकने वाली भारत की स्टार खिलाड़ी साइना नेहवाल का जज्बा मजबूत है. वह काफी हिम्मत वाली और हौसलें वाली हैं. वह मानती हैं कि वह बड़े खिताब जीतने की अपनी कवायद जारी रखेगी. विश्व की नंबर दो खिलाड़ी बनते ही साइना ने अपने कोच और पैरेंट्स को श्रेय दिया. साइना ने कहा कि उनकी मेहनत के पीछे उनके विमल सर की अहम भूमिका है. जिससे नंबर दो बनने का श्रेय मैं उन्हीं को देती हूं. वह यह भी कहती हैं कि मैं विमल सर की देखरेख में अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश कर रही हूं. मुझे पूरा विश्वास मैं इंडिया ओपन में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगी. इसके अलावा साइना अपने पैरेंट्स का भी आभार व्यक्त करती हैं. वह कहती हैं कि पैरेंट्स की वजह से मैं आज विश्व की नंबर दो खिलाड़ी बन पाई हूं.
कराटे चैंपियन भी रह चुकीं
साइना नेहवाल का जन्म हिसार, हरियाणा के एक जाट परिवार मे हुआ था. इनके पिता का नाम डॉ. हरवीर सिंह नेहवाल और माता का नाम उषा नेहवाल है. साइना को बचपन से ही खेल का माहौल मिला है. माता-पिता दोनो के बैडमिंटन खिलाड़ी होने के कारण सायना का बैडमिंटन की ओर रुझान शुरु से ही था. पिता हरवीर सिंह ने बेटी की रुचि को देखते हुए उसे पूरा सहयोग और प्रोत्साहन दिया और उसके आगे बढ़ाने की पूरी कोशिश की.इसके अलावा साइना के बारे के एक बात और भी खास है. आज उन्हें बैडमिंटन खेल से जाना जाता है, लेकिन साइना नेहवाल कराटे में ब्राउन बेल्ट हासिल कर चुकी हैं.
साइना ने अब तक कुल 16 अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते हैं. साइना भारत सरकार द्वारा पद्म श्री और सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित हो चुकीं हैं. इसके अलावा साइना ओलिम्पिक खेलों में महिला एकल बैडमिंटन के क्वार्टरफाइनल तक पहुंचने वाली वे देश की पहली महिला खिलाड़ी हैं. वर्ष 2010 साइना के करिअर का बेहद सफल वर्ष रहा. इस वर्ष में उन्होंने सिंगापुर सुपरसीरीज, इंडोनेशिया सुपरसीरीज, हांगकांग सुपरसीरीज के अलावा इंडिया ग्रांप्री गोल्ड जीता और एशियन चैंपियनशिप के एकल वर्ग में कांस्य पदक हासिल कियाउन्होंने 2006 में एशियन सैटलाइट चैंपियनशिप भी जीती है.
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