आईकार्ड में फोटो बदलकर एग्जाम दिलाने वाले सॉल्वर गैंग ने कैसे पांच स्टूडेंट्स को नौकरी दिलाने का पूरा काम कर दिया। इसके खुलासा आईजी जोन आशुतोष पांडेय ने किया, लेकिन बर्रा पुलिस की लापरवाही से सॉल्वर गैंग चलाने वाला सरगना फरार हो गया। सिर्फ बर्रा में ही नहीं सिटी में कई जगह सॉल्वर्स गैंग अपना अड्डा बनाए हुए हैं और पुलिस की मिलीभगत से ये एक बड़ा नेटवर्क चला रहे हैं। सिटी में चल रहे सॉल्वर्स गैंग के बारे में आई नेक्स्ट ने पड़ताल की तो मालूम चला कि राजकीय पॉलिटेक्निक से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित तीन फोटोकॉपी शॉप्स से पूरे देश में होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराने का ठेका लेने का काम किया जा रहा है। इतना ही नहीं इनके पास सॉल्वरों का एक बड़ा गैंग हमेशा उपलब्ध रहता है। कौन-कौन लोग सॉल्वर्स के गैंग में हैं शामिल? कैसे किसी दूसरे कैंडीडेट के प्रवेश पत्र पर ये लोग देते हैं एग्जाम? किस एग्जाम के कितने पैसे लेते हैं? हर साल कितने की कमाई करते हैं ये सॉल्वर्स गैंग? इन सब सवालों के उत्तर जानने के लिए पढि़ए आई नेक्स्ट की ये रिपोर्ट।

फोटोकॉपी और फोटो की शॉप्स के नाम पर

राजकीय पॉलिटेक्निक से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित ऐसी शॉप्स जहां फोटोकॉपी और फोटो खींची जाती हैं। चूंकि स्टूडियो और फोटोकॉपी दोनों का ही वहां काम होता है। ऐसे में वहां स्टूडेंट्स का आना-जाना लगा रहता है। व्यापमं घोटाले की आंच के बाद यहां काम काफी गुपचुप तरीके से कर दिया गया है। एरिया के एक एसपीओ ने आई नेक्स्ट रिपोर्टर को बताया कि यहां सॉल्वर्स गैंग पूरा नेटवर्क चला रहे हैं। जो कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में किसी दूसरे के एडमिट कार्ड में हेरफेर करके पेपर देते हैं और फिर मुंह मांगी रकम लेते हैं।

हर एग्जाम की अलग फीस

एसपीओ की निशानदेही पर आई नेक्स्ट टीम उन शॉप्स में से एक शॉप में पहुंची और पूरी जानकारी हासिल की। फतेहपुर से आए एक स्टूडेंट ने नाम न पब्लिश करने की शर्त पर बताया कि एसएससी के एग्जाम के लिए प्रति स्टूडेंट तीन लाख रुपए की डिमांड की थी। उस स्टूडेंट ने बताया कि पैसे कम करने के लिए उसके चाचा ने कहा था लेकिन उन लोगों ने मना कर दिया। शॉप में बैठे एक युवक ने बताया कि पैसे कम नहीं होते हैं अगर सॉल्वर की जरूरत हो तो पूरे पैसे लेकर एग्जाम से पन्द्रह दिन पहले आ जाना वरना फिर कुछ नहीं हो पाएगा। उस स्टूडेंट के मुताबिक बैंक क्लर्क के एग्जाम के 3 लाख, बैंक पीओ के 5 लाख, स्टेट गवर्नमेंट में क्लर्क के 2 लाख, सेंट्रल गवर्नमेंट में क्लर्क के 3 लाख 50 हजार रुपए और एसएससी के 3 लाख रुपए निर्धारित हैं, क्योंकि असली स्टूडेंट की जगह सॉल्वर्स पेपर देते हैं। ऐसे में पास होने की 100 परसेंट गारंटी नहीं होती है। इसके लिए एक अलग फॉर्मूला निकाला गया है। जिसके तहत पास नहीं होने पर चालीस प्रतिशत पैसा वापस हो जाता है।

पुलिस की भी मिलीभगत

इन शॉप्स पर एसटीएफ की नजर भी है। व्यापमं घोटाले की छानबीन करने कानपुर आई एमपी पुलिस की नजरें भी यहां पड़ी थीं। करीब तीन महीने महीने एसटीएफ की टीम यहां पहुंची थी लेकिन उन लोगों तक सूचना पहुंच चुकी थी। ऐसे में जब टीम वहां पहुंची तो गैग के मेंबर्स पूरे सबूत के साथ गायब हो चुके थे। गुरुदेव क्रॉसिंग के पास स्थित एक कोचिंग के संचालक ने बताया कि एरिया की पुलिस की मिलीभगत है। इस वजह से छापे के पहले ही गैंग तक पूरी जानकारी पहुंच गई और वो लोग गायब हो गए।

पॉलिटेक्निक के पूर्व छात्र भी हैं शामिल

पॉलिटेक्निक के पूर्व छात्र भी सॉल्वर गैंग में शामिल हैं। ये सनसनीखेज जानकारी कोचिंग संचालक ने आई नेक्स्ट को दी। उससे हुई बात की पूरी रिकॉर्डिग आई नेक्स्ट के पास है। लेकिन उसकी रिक्वेस्ट पर हम उसको सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं। कोचिंग संचालक के मुताबिक गैंग में एक दर्जन से ज्यादा पॉलिटेक्निक के पूर्व छात्र शामिल हैं। इसके अलावा कुछ इंस्टीट्यूट के टीचर्स भी इसमें शामिल हैं। कमाई में सबका अपना-अपना हिस्सा है। एसपीओ के मुताबिक जब किसी एग्जाम का पेपर होता है तो यहां स्टूडेंट्स की जबरदस्त भीड़ रहती है। थाने की पुलिस को कई बार स्थानीय लोगों ने इंफॉर्मेशन दी लेकिन फिर भी उसने कोई एक्शन नहीं लिया। उसके मुताबिक गैंग के मेंबर्स करोड़ों का टर्नओवर है। जिसको लेकर कई बार उन लोगों के बीच में मतभेद भी हो चुका है।

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बॉक्स में लगाएं

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कौन सी परीक्षा पास कराने के कितने पैसे लेते हैं

बैंक क्लर्क-3 लाख

बैंक, पीओ-5 लाख

सामान्य क्लर्क, स्टेट गवर्नमेंट-2 लाख

सामान्य क्लर्क, सेंट्रल गवर्नमेंट-3 लाख 50 हजार

पुलिस भर्ती परीक्षा-3 लाख

चतुर्थ श्रेणी, स्टेट गवर्नमेंट-1 लाख

चतुर्थ श्रेणी, सेंट्रल गवर्नमेंट-2 लाख

एसएससी- 3 लाख

नोट- ये पैसे स्टूडेंट्स ने खुद बताए हैं। आई नेक्स्ट ने उनसे स्टूडेंट बनकर बात की। पैसे सिर्फ लिखित परीक्षा पास कराने के हैं। एसपीओ और कोचिंग संचालक से हुई बात की रिकॉर्डिग आई नेक्स्ट के पास है। लेकिन हम नाम इसलिए नहीं पब्लिश कर रहे हैं क्योंकि उन दोनों लोगों को गैंग के मेंबर से खतरा है।

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बर्रा स्थित एक गेस्ट हाउस में चल रहे सॉल्वर्स गैंग का पर्दाफाश करने के लिए खुद मुझको पूरी तरह इनवॉल्व होना पड़ा। जिसके बाद वो पांच छात्र पुलिस की गिरफ्त में आए जिन्होंने सॉल्वर्स की मदद से एग्जाम पास किए। मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के लिए भी टीम लगी हैं। टीमों को कई पुख्ता सबूत मिले हैं जिन पर एक्शन लिया जा रहा है। बहुत जल्द आरोपी सलाखों के पीछे होंगे। कल्याणपुर और आसपास फोटो कॉपी और फोटो की शॉप्स से सॉल्वर्स अपना गैंग चला रहे हैं। ये जानकारी मिलने के बाद अब स्पेशल टीम को लगाकर इसका खुलासा किया जाएगा। किसी भी सूरत में गलत काम करने वाले व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा फिर चाहें वो कोई भी हो। पुलिस अपना पूरा काम कर रही है। मेरा पब्लिक से भी यही कहना है कि अगर कहीं कोई अपराध होते दिखे तो फौरन पुलिस को सूचित करें। उनका नाम गोपनीय रखा जाएगा।

आशुतोष पांडेय, आईजी, कानपुर जोन

Posted By: Inextlive