विभाग के तीन सालों में 97 सैंपल ही फेल
मिलावटी देसी घी और पनीर पकड़े जाने से लोगों में दहशत
देहरादून। खुले देसी घी और पनीर में मिलावट का खेल डेयरी से होटलों तक चल रहा है। ये कोई एक दिन में खड़ा नहीं हुआ है। फूड एंड सेफ्टी विभाग के तीन सालों में खाने-पीने की चीजों के कुल 740 सैंपल लिये, इनमें 97 सैंपल ही सब स्टैंडर्ड पाए गए हैं। वहीं खुले में चल रहे इस खेल के बाद दूनाइट्स दहशत में हैं। -- डेयरियों पर भी शक रेसकोर्स इलाके में एमएलए हॉस्टल के सामने डेयरी चलाने वाले का रिश्तेदार मिलावटी घी और पनीर बनाते पकड़ा गया। ट्यूजडे को हुई इस कार्रवाई के बाद दूनाट्स डरे हुए हैं। घर के पास की डेरी से दूध लाने वाले लोगों के दिमाग में यही शक बैठ गया है कि कहीं यहां भी ऐसा कुछ तो नहीं चल रहा है। -- विभाग के सैंपलफूड एंड सेफ्टी विभाग की ओर से वर्ष 2016 से 17 तक 288 सैंपल लिए गए। हालांकि इसके बाद सैंपल्स की संख्या कम ही रही। वर्ष 2017 से 18 तक 197 और तब से अब तक 255 सैंपल ही भरे गए हैं।
-- वर्ष- लिए नमूने, सब स्टैंडर्ड2016-17 288 59
2017-18 197 29 2018-19 255 09 ------------------------ कुल 740 97 -- लोगों को टेंशन बच्चे के लिए डेयरी का ही दूध लाते हैं। ये सब सुनने के बाद से बेहद टेंशन हो रही है कि हम बच्चे को सही चीज दे भी रहे हैं कि नहीं। राकेश रावत, डोभालवाला -- दूध, दही, पनीर सब कुछ बाजार से खुला ही लाते हैं। कई बार तो पनीर लाते ही खराब भी हो जाता है लेकिन ऐसा कभी नहीं सोचा था। मंजू जैन, जैन कॉलोनी, प्रिंस चौक - मिलावट जैसी चीजों से बचने के लिए बेटे को पैकेट वाला दूध देती हूं। वैसे भरोसा तो किसी चीज पर नहीं फिर भी पैक्ड चीजें शायद कुछ ठीक हों। तुलिका, मित्रलोक - बेटे को डेरी का दूध ही देती हूं। मिलावट की बात सुनकर बेहद डर लग रहा है कि कहीं बच्चा मिलावटी दूध और हम मिलावटी चीजे तो नहीं खा रहे हैं।मोना मेहता, जीएमएस रोड