माघ मेला के चौथे प्रमुख स्नान पर्व बसंत पंचमी पर भी संगम नोज रहा आकर्षण, भोर से ही गूंजे जयकारे

ALLAHABAD: माघ मास शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि से बसंत ऋतु का आगमन हुआ तो संगम की रेती पर मेला के चौथे प्रमुख स्नान पर्व बसंत पंचमी पर आस्था की भीड़ उमड़ पड़ी। पंचमी पर भी संगम नोज ही श्रद्धालुओं के आकर्षण का केन्द्र बना रहा। पुण्य की डुबकी लगाने के लिए भोर में चार बजे से स्नान-दान का सिलसिला शुरू हुआ तो संगम नोज से लेकर ओल्ड जीटी रोड पुल तक गंगा मइया और हर-हर महादेव के जयकारे की गूंज सुनाई देने लगी। आस्था का यह नजारा देर शाम तक संगम नोज सहित पंद्रह घाटों पर दिखा।

तीन घंटे रही कोहरे की चादर

जहां मकर संक्रांति के मुख्य स्नान पर्व और उसके अगले दिन मौनी अमावस्या पर मेला क्षेत्र में मौसम सुहाना था। वहीं बसंत पंचमी पर सुबह छह बजे से लेकर नौ बजे तक मेला क्षेत्र से लेकर बक्शी बांध तक कोहरे की चादर पड़ी थी। इसके बावजूद काली सड़क व त्रिवेणी मार्ग से सिर पर गठरी लेकर श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाने के लिए संगम नोज की ओर बढ़ते रहे। सुबह दस बजे जब धूप खिली तो काली सड़क से लेकर संगम अपर मार्ग तक सिर्फ और सिर्फ आस्था ही दिखाई दी।

स्नान किया फिर सरस्वती पूजन

संगम नोज के अलावा रामानुज मार्ग, ओल्ड जीटी, त्रिवेणी मार्ग, अक्षयवट मार्ग, गंगोत्री-शिवाला सहित पंद्रह घाटों पर श्रद्धालुओं ने देवी-देवताओं को नमन कर स्नान किया। इसके बाद शुरू हुआ सरस्वती पूजन और भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने का सिलसिला। संगम नोज पर परिवार के बड़े-बुजुर्गो के संग लोगों ने तीर्थ पुरोहितों के निर्देशन में पंचामृत से मां का अभिषेक किया और पूजन-अर्चन किया। सोमवार का दिन होने से घाटों के किनारे जगह-जगह रेती पर बैठकर श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद रुद्राभिषेक कराया। यही नहीं बसंत का आगमन होने की वजह से अधिकतर श्रद्धालुओं ने पीला वस्त्र पहनकर ही पूजन व अनुष्ठान कार्य कराया।

75 लाख श्रद्धालुओं ने किया स्नान

मेला प्रशासन ने पंचमी स्नान पर्व पर पचास लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद लगाई थी लेकिन उनके हिसाब से यह आंकड़ा पंचमी स्नान पर भी पार हो गया है। प्रशासन ने दावा किया है कि दोपहर तीन बजे तक संगम सहित अन्य घाटों पर 75 लाख श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगा ली थी।

Posted By: Inextlive