ALLAHABAD: शनि की साढ़े साती का प्रभाव कम करने के लिए शनिवार का दिन खास होने जा रहा है। जहां शनिवार को शनिचरी अमावस्या का संयोग बना है वहीं अपने पित्तरों के निमित श्राद्ध तर्पण व पिंडदान भी करने का अवसर प्राप्त होगा। खास बात है कि शनिवार को ही पित्त कार्य की अमावस्या होने की वजह से जातक पित्त दोष आदि से मुक्त हो जाता है। ज्योतिषाचार्य पं। विद्याकांत पांडेय ने बताया कि महीने की एक तिथि पित्त अमावस्या की निश्चित होती है। जिस किसी को अपने पित्तरों की तिथि नहीं मालूम है वह इस अमावस्या पर श्राद्ध तर्पण और पिंडदान कर सकते हैं।

Posted By: Inextlive