1993 बम ब्लास्ट के मामले में जेल पहुंचे संजय दत्त करीब साढ़े चार महीने बाद जेल से बाहर आए हैं. 'फरलो' पर उन्हें 14 दिन की लीव मिली है. पुणे की यरवदा जेल से बाहर आते ही वह मुंबई के लिए रवाना हो गए.

जेल रूल्स के अकॉर्डिंग हर प्रिजनर को कुछ फिक्स नॉन पेएबल लीव मिलती हैं, जिसे 'फरलो' कहते हैं. ये वेकेशन हर प्रिजनर का राइट हैं. हालांकि संजय दत्त ने हेल्थ रीजंस से पैरोल पर 15 दिनों की लीव के लिए भी अप्लाइ कर रखा है. डिविजनल कमिश्नर के पास उनकी अप्लीकेशन अंडर कंसीडरेशन है. लेकिन पैरोल उन्हें तभी ग्रांट की जायेंगी जब वह 14 दिन की लीव स्पेंड करने के बाद जेल लौटेंगे और कम से कम एक दिन जेल में बिताएंगे.

संजय दत्त को टाडा कोर्ट ने 9 एमएम की पिस्तौल और एक एके 56 राइफल इललीगली रखने के लिए सजा सुनाई थी. ये आर्म्स मार्च 1993 में मुंबई में सीरियल ब्लास्ट करने के लिए लाए गए आर्म्स में शामिल थे. इन ब्लास्ट में 257 लोगों की डेथ हो गई थी और 700 से ज्यादा इंजर्ड हुए थे. सजा सुनाए जाने से पहले संजय दत्त डेढ़ साल की जेल काट चुके हैं और बाकी सजा काटने के लिए जेल में बंद हैं.

Posted By: Kushal Mishra