- महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर में चल रहे स्वराज सप्ताह के दौरान आयोजित हुआ संस्कृत दिवस

- स्टूडेंट्स ने संस्कृत में श्रीमदभागवत का सस्वर पाठ करके लोगों किया मंत्रमुग्ध

ALLAHABAD: भारतीय संस्कृति की सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत हमेशा से भारतीयों के लिए सम्मानित रही है। हमारे प्राचीन वेद और पुराण भी इसी भाषा में लिखे हैं, लेकिन समय के साथ इस भाषा के प्रति लोगों का लगाव लगातार कम होता जा रहा है। इसी को देखते हुए महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर में आयोजित हुए स्वराज सप्ताह के दौरान संस्कृत दिवस का आयोजन हुआ। जिसमें बच्चों ने श्रीमद् भागवत के श्लोकों का संस्कृत में सस्वर प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्टूडेंट्स के संस्कृत के शब्दों के उच्चारण और उसकी लय के साथ प्रस्तुति ने सभी का भाव विभोर कर दिया।

सूक्तियों का भी अर्थ सहित हुआ वाचन

संस्कृत दिवस के मौके पर स्कूल में स्टूडेंट्स ने भारतीय मनीषी द्वारा कही और लिखित विभिन्न सूक्तियों व सुभाषितों के महत्व को दर्शाते हुए प्रार्थना सभा में उनका अर्थ सहित वाचन किया। इस दौरान मनसा सततम् स्मरणीयम् गीत की प्रस्तुति भी स्टूडेंट्स ने की। इसके पहले प्रोग्राम की शुरुआत स्कूल की प्रिंसिपल सुष्मिता कानूनगो ने की। जिसके बाद स्टूडेंट्स ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति की। इस मौके पर संस्कृत का महत्व बताते हुए क्लास एर्थ की स्टूडेंट ने कहा कि सभी धार्मिक कृत्यों में शुभारम्भ संस्कृत भाषा से ही किया जाता है। संस्कृत एक जीवित साहित्य है और यह अन्य भाषाओं को भी जीवन देने की क्षमता रखती है। प्रोग्राम में टीचर्स व स्टूडेंट्स मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive