रांची : झारखंड में बारिश का कहर जारी है। रांची और कुछ अन्य जिलों में जहां लोगों को सोमवार को बारिश से थोड़ी राहत मिली वहीं संताल परगना में मूसलाधार बारिश ने खूब तबाही मचाई। साहिबगंज, पाकुड़ और दुमका में कई गांव जलमग्न हो गए हैं। यहां बाढ़ के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। उधर उफनाई नदियों की तेज धार में पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा और चतरा में एक महिला समेत चार लोग बह गए। उधर दुमका के जामा प्रखंड के अमझाड़ गांव में कच्चे घर की दीवार गिरने से एक परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। मरनेवालों में मां-बेटे व बहू शामिल हैं। वहीं गरीबों के कच्चे घरों के गिरने का सिलसिला अभी भी जारी है। दूसरी ओर सड़कों पर जलजमाव के कारण कई सड़कों पर आवागमन ठप है। कई इलाकों में अभी भी बाढ़ जैसे हालात हैं। संताल के अलावा चतरा, कोडरमा, रामगढ़ आदि जिलों में भी जलप्लावन और नदियों की बाढ़ का कहर है।

पाकुड़, साहिबगंज में ज्यादा तबाही

फिलहाल सबसे ज्यादा तबाही पाकुड़ और साहिबगंज में दिख रही है। पाकुड़ में बारिश ने बीस साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। यहां के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के 90 फीसद गांव बाढ़ की चपेट में हैं। दर्जनों गांव के लोगों ने घर छोड़ स्कूलों में शरण ली है। वहीं साहिबगंज में गंगा नदी की बाढ़ से तबाही है। बाढ़ की हालत यह है कि राजमहल-साहिबगंज मुख्य मार्ग पर तीन से चार फीट छह किलोमीटर तक पानी बह रहा है। कोटालपोखर व गुमानी का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से कट गया है, जबकि बाढ़ से 15 हजार परिवार बेघर हो गए हैं। वहीं राजमहल इलाके एक दो मंजिला मकान समेत कई घर गिर गए।

पाकुड़ में बह गया 7 करोड़ का पुल

बाढ़ की चपेट में आकर सोमवार को पाकुड़ जिले के महेशपुर क्षेत्र के चंडालमारा में बांसलाई नदी पर बने पुल का एक हिस्सा पानी में बह गया। ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल ने चार साल पहले ही सात करोड़ की लागत से पुल का निर्माण कराया था। राहत की बात यह रही कि जिस समय यह पुल बहा उस समय पुल के उस भाग पर कोई नहीं था। स्थानीय लोगों ने पुल की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने मामले की जांच के लिए डीडीसी के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस समय यह पुल बनाया जा रहा था उसी समय यहां के लोगों ने इसके गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए पुल निर्माण का काम रोक दिया था। फिर भी गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया और नतीजा सामने है। पिछले साल भी इस पुल के पिलर में दरार आई थी, जिसे आनन-फानन में प्लास्टर कर ढंक दिया गया था। इस पुल के बहने से चंडालमारा, पोखरिया, बाबुदहा, गायबथान, शाहरग्राम पंचायत के करीब बीस गांवों के लोगों की परेशानी बढ़ गई।

चट्टान गिरने से परिचालन बाधित

बिहार-झारखंड में भारी बारिश की वजह से नई दिल्ली-हावड़ा ग्रैंडकॉर्ड सेक्शन पर परिचालन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। खासकर धनबाद रेल मंडल के कोडरमा-गया रेलखंड में पिछले चार दिनों में नाथगंज व डिलवा स्टेशन के बीच दो बार रेल ट्रैक पर चट्टान गिरने की वजह से परिचालन प्रभावित रहा। उधर मेन लाइन में भी बारिश की वजह से कई ट्रेनों को धनबाद, पारसनाथ, कोडरमा, गया के रास्ते चलाया जा रहा है। वहीं पटना की बाढ़ के कारण बिहार जाने वाली कई गाडि़या रद हैं, जबकि कई को डायवर्ट कर चलाया जा रहा है। साहिबगंज के बरहड़वा रेलवे स्टेशन के हिल साइड में बारिश और जलजमाव के कारण 48 घंटे से पत्थर लदी मालगाड़ी फंसी।

Posted By: Inextlive