- एसओ ने दौड़ाई स्विफ्ट डिजायर कार, 120 की स्पीड पर लगाए गए ब्रेक

- सीट पर बिठाया गया सारा का पुतला, लखनऊ से आई टीम ने जांचे तथ्य

फीरोजाबाद। शनिवार की दोपहर सिरसागंज के हाईवे पर नौ जुलाई का हादसा फिर दोहराया गया। 120 किमी की रफ्तार से स्विफ्ट डिजायर कार दौड़ी और तेजी से ब्रेक लगने पर लहराई। आगे की सीट पर बिठाया गया पुतला भी तेजी से उछला। लोगों की भीड़ सांसें रोककर पूरा नजारा देखती रही। फिल्म की शूटिंग से अंदाज में सारा की मौत के री-प्ले को फोरेंसिक लैब लखनऊ के ज्वाइंट निदेशक की अगुवाई में आए दल ने पूरा कराया। सड़क से लेकर कार तक पर आए निशानों की बारीकी से जांच कराई गई।

पूर्व मंत्री अमरमणि की बहू सारा त्रिपाठी की मौत 9 जुलाई को यहां हुए सड़क हादसे में हुई थी। सारा की मां ने दामाद अमनमणि के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। सरकार इस मामले की सीबीआइ जांच की सिफारिश कर चुकी है। फोरेंसिक वैज्ञानिक नए सिरे से जांच में जुटे हैं।

शनिवार दोपहर 12 बजे लखनऊ लैब के ज्वाइंट डायरेक्ट डॉ। एसके रावत के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने घटना का रीप्ले शुरू करवाया। स्विफ्ट डिजायर कार में ड्राइविंग सीट पर एसओ सिरसागंज प्रमोद यादव को बिठाया गया। बगल वाली सीट पर सारा का पुतला रखा गया।

हादसे के वक्त गाड़ी में अमनमणि ने किस तरह से ब्रेक लगाए थे और सारा को किस तरह से चोटें आई होंगी। फोरेंसिक वैज्ञानिकों ने इस सब का बारीकी से अध्ययन किया गया। टीम में मुरादाबाद के अरुण कुमार शर्मा, आगरा से डा। सौरभ गुप्ता, धर्मेद्र और श्याम सुंदर शामिल रहे। वैज्ञानिकों ने जांच के निष्कर्ष के संबंध में फिलहाल कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया। इससे पहले शुक्रवार को भी जांच की गई थी।

कद और वजन के हिसाब से बनाया था पुतला

रीप्ले में कार में सारा के पुतले को रखा गया। पुतले का वजन और कद ठीक सारा की कदकाठी के समान ही था। ताकि घटना और हादसे के बाद की स्थिति को पूरी तरह आंका जा सके।

फिर हुआ अमनमणि की कार का निरीक्षण

टीम ने हादसा स्थल पर री-प्ले के बाद में फिर से चौकी पर पहुंच कर हादसाग्रस्त कार का निरीक्षण किया। माना जा रहा है हादसे के री-प्ले में पुतले के टकराने से आने वाली चोटों का आकलन देखने के बाद में टीम ने अमनमणि की कार की जांच की है। ताकि दोनों घटनाओं का तुलनात्मक अध्ययन किया जा सके।

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टोल प्लाजा पर खंगाले सीसीटीवी फुटेज

वहीं हाईवे पर री-प्ले से पहले टीम ने सिरसागंज टोल पर पहुंची। यहां सीसीटीवी कैमरे से 9 जुलाई के फुटेज भी देखे गए। शायद टीम के सदस्य फुटेज में सारा के कार में बैठने की पोजीशन देखना चाहते थे, ताकि री-प्ले में पुतले को उसी पोजीशन में बैठाया जा सके। वहीं दूसरी तरफ सारा की मां द्वारा कार में किसी और के होने का भी आरोप लगाया था। करीब आधे से पौन घंटे तक टीम यहां पर सीसीटीवी फुटेज को खंगालती रही। फुटेज में क्या मिला, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

गाड़ी दौड़ाते एसओ के छूटे पसीने

सारा की मौत से जुड़े हादसे के री-प्ले में रीटेक भी हुए। ऐसे में थानाध्यक्ष सिरसागंज के भी पसीने छूट गए। स्विफ्ट डिजायर लेकर पहुंचे एसओ प्रमोद कुमार को ही एक्सपर्ट ने हाईवे पर गाड़ी दौड़ाने के लिए कहा। एसओ पहली बार जब गाड़ी को लेकर आए तो स्पीड कुछ कम थी, जबकि एक्सपर्ट 120 की स्पीड से गाड़ी दौड़ाने तथा एकाएक उसी स्थान पर आकर ब्रेक लगाने की बात कर रहे थे। कम स्पीड देख वैज्ञानिकों ने जब कहा फिर से गाड़ी लाओ। स्पीड 120 ही रहनी चाहिए, यहां पर ही आकर ब्रेक लगने चाहिए, ऐसे में एसओ भी टेंशन में आ गए। इतनी तेज स्पीड पर गाड़ी दौड़ाते वक्त ब्रेक लगाने से गाड़ी पलटने का भी डर था। दूसरी बार में जब री-प्ले ओके हुआ तो एसओ ने राहत की सांस ली।

कार गिराने का री-प्ले नहीं हुआ

जिस तरह एक्सपर्ट ने शुक्रवार को कबाडि़ए से संपर्क साध कर पुरानी कार की मांग की थी। उससे लग रहा था शायद एक्सपर्ट द्वारा पुरानी कार को खड्ड में गिराकर कार गिराने का री-प्ले कर देखा जाए कि कार गिरने पर पुतले को चोट कहां लगती है? लेकिन शनिवार को कार गिराने का री-प्ले नहीं हुआ।

री-प्ले देखने जमी रही हाईवे पर भीड़:

री-प्ले के दौरान हाईवे पर खासी भीड़ जमी रही। राहगीर भी अपने वाहन रोक कर हाईवे पर कलई बिछाने एवं टीम की कार्यप्रणाली को देखते हुए नजर आए तो आसपास के ग्रामीण भी यहां पर जमे नजर आए।

Posted By: Inextlive