सरबजीत का शव लेकर विशेष विमान लाहौर से अमृतसर पहुंच गया है. यहां से उनका शव गांव ले जाया जाएगा. जहां पूरे राजकीय सम्‍मान के साथ उनका अंतिम संस्‍कार किया जाएगा. पंजाब सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है.


इसके पहले लाहौर एयरपोर्ट पर पाकिस्तानी कस्टम अधिकारियों ने पर्याप्त डॉक्यूमेंट न होने का हवाला देते हुए शव को रोके रखा. इंडिया की फॉरेन मिनिस्टर ऑफ फॉरेन अफेयर्स प्रणीत कौर ने कहा कि शव मिलने में ब्यूरोक्रेटिक डिले हुआ.शहीद का दर्जा, परिवार को एक करोड़ की मददपंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पाकिस्तानी जेल में अमानवीय व्यवहार का शिकार हुए सरबजीत सिंह की नृशंस हत्या की कड़ी निंदा की है. सरबजीत को शहीद घोषित करते हुए बादल ने उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की बात कही. प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक रहेगा. इसके अलावा सरकार सरबजीत की दोनों बेटियों को सरकारी नौकरी भी देगी.


बादल ने कहा कि सरबजीत ने गरिमा के साथ जेल में दमन और अत्याचार का सामना किया. इस दुख की घड़ी में सरकार उसके परिवार के साथ खड़ी है और परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार सरबजीत सिंह की मौत पर शोक व्यक्त करने और दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक प्रस्ताव पेश करेगी.

इस मामले से निपटने में नाकामी के लिए केंद्र सरकार पर बरसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केंद्र की कूटनीतिक विफलता और कमजोरी की निशानी है. देश इच्छा और ताकत के साथ चलाए जाते हैं, मगर सरकार में उसकी कमी दिखी है. राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई भिखीविंड गांव में सरबजीत का राजकीय सम्मान के साथ होने वाले अंतिम संस्कार की तैयारियां प्रशासन ने पूरी कर ली हैं। इस मौके पर हजारों लोगों की आमद को लेकर चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है.  पीएम रिलीफ फंड से 25 लाख की मददप्राइम मिनिस्टर मनमोहन सिंह ने सरबजीत की फैमिली को पीएम रिलीफ फंड से 25 लाख रुपए दिए जाने की घोषणा की है. इसके पहले अपने बयान में प्राइम मिनिस्टर ने सरबजीत सिंह की हत्या की निंदा करते हुए हमले के दोषियों को सजा दिलाने की बात कही. उन्होंने पाकिस्तान के रवैये पर अफसोस जताते हुए कहा कि उसने इस मामले में मानवीय रवैया नहीं अपनाया. पार्लियामेंट में पारित हुआ प्रस्तावइसके पहले सरबजीत की मौत पर इंडियन पार्लियामेंट में प्रस्ताव पारित किया गया. प्रस्ताव में पाकिस्तानी जेल में सरबजीत के साथ हुए दुर्व्यव्हार की निंदा करते हुए सरबजीत की मौत पर शोक जताया गया है.गुरुवार देर रात हुआ निधन

कोट लखपत जेल में कैदियों  के  हमले  में  गंभीर रूप से घायल सरबजीत सिंह का गुरुवार को लाहौर के जिन्ना हॉस्पिटल में निधन हो गया था. भारतीय कैदी सरबजीत सिंह के इलाज के लिए बने मेडिकल बोर्ड के प्रमुख महमूद शौकत के मुताबिक भारतीय समयानुसार रात डेढ़ बजे ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने फोन कर उन्हें सरबजीत के निधन की सूचना दी. इस्लामाबाद में इंडियन हाई कमीशन के अधिकारियों ने सरबजीत की मौत की पुष्टि कर दी है. बरसी बहनसरबजीत की बहन दलबीर कौर ने कहा है कि उनका भाई शहीद हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान में जब उन्होंने हॉस्पिटल में सरबजीत का हाल जानना चाहे तो डॉक्टर और नर्स उन पर हंस रहे थे. उन्हें मालूम था कि अब वह इस दुनिया में नहीं है.अपडेट 1-बादल ने सरबजीत को शहीद घोषित कियानोट : सरबजीत पैकेज की खबर। अपडेट के रूप में एक करोड़ की सहायता और राजकीय शोक की बात जोड़ी गई है। एक इनसेट भी बढ़ाया गया है। --------------परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता-दोनों बेटियों को मिलेगी सरकारी नौकरी --------------
जागरण ब्यूरो, चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पाकिस्तानी जेल में अमानवीय व्यवहार का शिकार हुए सरबजीत सिंह की नृशंस हत्या की कड़ी निंदा की है. सरबजीत को शहीद घोषित करते हुए बादल ने उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की बात कही. प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक रहेगा. इसके अलावा सरकार सरबजीत की दोनों बेटियों को सरकारी नौकरी भी देगी. बादल ने कहा कि सरबजीत ने गरिमा के साथ जेल में दमन और अत्याचार का सामना किया. इस दुख की घड़ी में सरकार उसके परिवार के साथ खड़ी है और परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार सरबजीत सिंह की मौत पर शोक व्यक्त करने और दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक प्रस्ताव पेश करेगी. इस मामले से निपटने में नाकामी के लिए केंद्र सरकार पर बरसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केंद्र की कूटनीतिक विफलता और कमजोरी की निशानी है. देश इच्छा और ताकत के साथ चलाए जाते हैं, मगर सरकार में उसकी कमी दिखी है. भारत सरकार सरबजीत के मामले में राष्ट्रीय भावना समझने में विफल रही और जहां जरूरी कूटनीतिक पहल करनी चाहिए थी, वहां भी कोई कदम नहीं उठाया गया.

Posted By: Garima Shukla