बंदरों के आतंक से भी नगर और ग्रामीण क्षेत्र के लोग हलकान

सरधना : नगर और देहात क्षेत्र में खूंखार कुत्ते और बंदर रोजाना दर्जनों लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इनके काटने से होने वाले जानलेवा रेबीज से बचने के लिए इंजेक्शन लगवाने को सीएचसी में हुजूम उमड़ रहा है। बंदरों के झुंड लोगों को काटने के अलावा घरों में नुकसान भी कर रहे हैं। क्षेत्र के लोगों ने इन खूंखार कुत्ते और बंदरों से निजात दिलाने की मांग प्रशासन से की है।

क्षेत्र में बड़ी संख्या में आवारा कुत्ते और बंदरों के झुंड लोगों के लिए आफत से कम साबित नहीं हो रहे। इनके काटने वालों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। हालात इस कदर खराब हैं कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रोजाना 50 से ज्यादा लोग एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने पहुंचते हैं। जबकि कई लोग निजी चिकित्सकों से भी इंजेक्शन लगवा लेते हैं। कुत्तों और बंदरों का शिकार बनने वालों में महिलाओं और बच्चों की संख्या ज्यादा है। बंदरों के झुंड तो घरों से कीमती कपड़े और सामान तक उठाकर ले जाते हैं या कई बार उसे नष्ट कर देते हैं। बंदरों के डर से लोग छतों पर जाने से भी घबराते हैं। बच्चों को भी छत पर चढ़ने से रोकना पड़ता है। खूंखार कुत्तों और बंदरों से परेशान क्षेत्र के लोगों ने समस्या के निस्तारण की मांग की है।

सरधना सीएचसी में रोजाना लगते हैं इंजेक्शन

- एंटी रेबीज वैक्सीन के लिए आमतौर पर सरकारी अस्पतालों में दिन तय होते हैं। सप्ताह में दो या तीन दिन ही यह वैक्सीन लगाई जाती है। जबकि मरीजों की अधिक संख्या को देखते हुए सरधना सीएचसी में यह वैक्सीन रोजाना लगाई जाती है। फार्मेसिस्ट सतीश गिरी ने बताया कि सार्वजनिक अवकाश को छोड़कर वह रोजाना दर्जनों लोगों को यह वैक्सीन लगाते हैं।

खूंखार कुत्तों और बंदरों के संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि ऐसा है तो जल्द ही आवारा कुत्तों और बंदरों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जाएगा।

शिवकुमार, एसडीएम सरधना।

Posted By: Inextlive