RANCHI: भाजपा से बागी होकर जमशेदपुर पूर्वी से मुख्यमंत्री रघुवर दास के विरुद्ध निर्दलीय चुनाव लड़नेवाले सरयू राय ने शुक्रवार को विधिवत रूप से मंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने सुबह 11 बजे राजभवन में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा संबंधी पत्र सौंपा। इधर, राज्यपाल के निर्देश पर राजभवन सचिवालय ने शुक्रवार को ही शाम में उनका त्यागपत्र मुख्यमंत्री रघुवर दास को आगे की कार्रवाई के लिए भेज दिया। अब अगर सीएम इस्तीफा स्वीकार करते हैं तो वे इसे राजभवन को भेजेंगे और इस्तीफा स्वीकार करने की अनुशंसा करेंगे।

मात्र डेढ़ लाइन का त्यागपत्र

राज्यपाल को महज डेढ़ लाइन के सौंपे गए त्यागपत्र में सरयू राय ने इस्तीफा देने के किसी कारण का उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने सिर्फ तात्कालीक प्रभाव से अपना इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध राज्यपाल से किया। इस्तीफा देकर राजभवन से निकलने के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि उन्होंने भाजपा से अलग होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था, इसलिए मंत्री पद से इस्तीफा देना उनका नैतिक दायित्व था। उन्होंने यह भी कहा कि सही तो यह होता कि मुख्यमंत्री स्वयं उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर कर देते। सरयू राय के अनुसार, उन्होंने 17 नवंबर को ही फैक्स व ईमेल से अपना इस्तीफा राजभवन को भेज दिया था। लेकिन राजभवन ने 11 दिसंबर को स्पष्ट किया कि उनका इस्तीफा राजभवन को मिला ही नहीं था।

विधानसभा ने त्यागपत्र किया अस्वीकार, नियम का हवाला

विधानसभा की सदस्यता से सरयू राय के इस्तीफे को विधानसभा सचिवालय ने अस्वीकृत कर दिया है। इस बाबत विधानसभा के सचिव महेंद्र प्रसाद ने सरयू राय को पत्र भेजकर सूचित किया है। पत्र में उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कहा है कि फैक्स से त्यागपत्र नियमों के आलोक में स्वीकार करने योग्य नहीं है। सरयू राय ने बीते 17 नवंबर को विधानसभा अध्यक्ष को फैक्स के जरिए त्यागपत्र भेजा था।

Posted By: Inextlive