-गुरु नानक देव हैं हिन्दू के गुरु तथा मुसलमान के पीर

PATNA: सिख पंथ के प्रथम गुरु नानक देव ने हिन्दू के गुरु तथा मुसलमान के पीर के रूप में विश्व में पहचान बनाई। गुरु नानक देव का जीवन मानवता के लिए सदैव प्रेरणादायक है। ये बातें मंगलवार को तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में गुरु नानक की 550वीं जयंती पर दरबार साहिब में कथावाचक पाटियाला अमृतसर के ज्ञानी पर¨वदर सिंह ने कहीं। गुरु नानक देव ने भारत के कोने-कोने का भ्रमण किया। अनेक तीर्थस्थलों पर अंधविश्वासों व पाखंडों को उजागर करते हुए पटना आए। बिहार में भी उनकी बड़ी संगत व छोटी संगत कायम हुई। इसी दौरान वे गायघाट गुरुद्वारा व पटना सिटी क्षेत्र में आए थे।

भाईचारा बढ़ाने में बीता जीवन

कथावाचक ज्ञानी चरणजीत सिंह ने बताया कार्तिक पूर्णिमा संवत 1526 विक्रमी यानी वर्ष 1469 ई। को ननकाना साहिब में पिता मेहता कालू और माता तृप्ता जी के घर अवतरित गुरुनानक देव के बारे में भाई गुरदास की प्रसिद्ध उक्ति है सतगुरु नानक प्रगटिया, मिटी धुंध जग चानन होआ अर्थात संसार से अज्ञान की धुंध समाप्त करके ज्ञान का प्रकाश फैलाने वाले प्रथम बादशाह ने आपसी भेदभाव, छुआछुत, ऊंच-नीच, भ्रम-वहम को दूर कर भाईचारा को बढ़ावा देने का काम किया। वर्ष 1499 से 1522 तक गुरु जी ने उदासी यात्राएं की।

सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय पर जोर

गुरुवाणी प्रचारक प्रो। लालमोहर उपाध्याय ने कहा नानक नाम चढदी कला तेरे भाणे सरबत का भला। अर्थात सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय का पालन करें तभी विश्व का कल्याण संभव है। दरबार साहिब में विश्व शांति के लिए वरीय मीत ग्रंथी भाई बलदेव सिंह ने अरदास किया। दिन में हुकूम के बाद शस्त्रों के दर्शन के बाद दीवान की समाप्ति हुई। श्रद्धालुओं ने मत्था टेका।

अमृतबांटा में दो दर्जन ने छके अमृत

सुबह से ही जयंती में भाग लेने के लिए देश-विदेश के सिख संगत उमड़े। सुबह से ही गुरुघर पहुंचे विशिष्टों ने मत्था गुरुघर का आशीष लिया। प्रबंधक सरदार दलजीत सिंह ने बताया कि विशेष लंगर के पश्चात अमृतबांटा कार्यक्रम में दो दर्जन लोगों ने अमृत छके। प्रबंधक समिति के सचिव सरदार महेंद्र सिंह छाबड़ा, सरदार त्रिलोचन सिंह, प्रबंधक सरदार दलजीत सिंह, सरदार मंजीत सिंह, महाकांत राय समेत अन्य संगत थे।

Posted By: Inextlive