जमीन पर कब्जे के खेल में बन गया धनकुबेर

- आवास बोर्ड की सुस्ती का सत्यनारायण सिंह ने खूब उठाया फायदा

-हर माह उठाता है लाखों रुपये किराया

- थानों में हत्या, जमीन कब्जाने, धोखाधड़ी आदि के एक दर्जन मामले दर्ज

PATNA : राजीव नगर इलाके में तीन दशक से जमीन पर कब्जे का खेल कर भू माफिया सत्यनारायण सिंह धनकुबेर बन गया। उसने अकूत संपति बनाई। वह हर लाखों रुपए केवल किराए से कमाता है। उसने बिहार राज्य आवास बोर्ड की गलती और सुस्ती का भरपूर फायदा उठाया और किसानों को अपने पक्ष में मिलाकर करोड़ों की अकूत संपत्ति बना ली। जमीन पर कब्जा करने को लेकर उसने परिवार के सदस्यों को अपराधी तक बनने को मजबूर कर दिया।

दर्ज हैं आपराधिक मामले

सत्यनारायण सिंह पर राजधानी के शास्त्रीनगर थाने में सबसे अधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा पाटलिपुत्र, दीघा व राजीवनगर थाना मिलाकर लगभग एक दर्जन मामलों में वह आरोपित है। इसमें आ‌र्म्स एक्ट के साथ हत्या, जबरन जमीन कब्जा करने, मारपीट, आपराधिक साजिश रचने, रंगदारी, धोखाधड़ी, जालसाजी आदि के मामले प्रमुख हैं।

एग्रीमेंट से की मोटी कमाई

बिहार राज्य आवास बोर्ड में राजीव नगर क्षेत्र के 1024 एकड़ भूखंड का 1974 में अधिग्रहण किया था लेकिन किसानों को तत्काल मुआवजा नहीं दिया गया। भोजपुर के रहने वाले सत्यनारायण सिंह ने किसानों को कुछ रकम देकर उनसे भूखंड का एग्रीमेंट करवा लिया और उस जमीन को मोटी रकम लेकर तीसरे व्यक्ति के हाथों में बेच दिया। यही नहीं, कोलकाता और मुंबई से भूखंड की रजिस्ट्री भी करवा दी गई। खरीदारों ने भूखंड पर मकान बनवाया और बाकायदा बिजली कनेक्शन ले लिया। जब आवास बोर्ड सजग हुआ, तब तक कई बीघा जमीन सत्यनारायण सिंह के कब्जे में आ चुकी थी। इसके बाद उसने आवास बोर्ड और दूसरे खरीदारों से लड़ने के लिए सोसायटी बना ली।

अपनों को भी नहीं छोड़ा

सत्यनारायण सिंह ने किसानों से लिए भूखंड को परिवार के कई सदस्यों के नाम पर लिया। उनसे भूखंड का एग्रीमेंट कराने के लिए रुपये भी लिए, लेकिन खुद भवन निर्माण कर किराया लगा दिया और मोटी रकम अर्जित करने लगा। इसके अलावा जमीन बिक्री से भी मुनाफे में करोड़ों रुपये कमाए। लेकिन, उसने कमाई के रुपये परिवार के उन सदस्यों को नहीं दिए, जिनके नाम पर जमीन खरीदी गई थी या उनसे रुपये लिए गए थे। इन्हीं कारणों से सत्यनारायण का अपना भतीजा नीरज सिंह बागी हो गया। सत्यनारायण ने कई बड़े पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को भी विवादित जमीन औने-पौने दाम पर बेच दी, जो उसके लिए संरक्षक का काम करने लगे।

Posted By: Inextlive