शुक्रवार को सऊदी अरब के जेद्दा शहर के किंग अब्दुल्ला स्टेडियम का नजारा बदला-बदला सा था। मुकाबला फुटबाल की अल-अहली और अल-बतीन टीमों के बीच था लेकिन असली आकर्षण वे महिलाएं थीं जो देश में नया इतिहास रच रही थीं। ये महिलाएं पहली बार अपने पति अपने बेटों अपने रिश्तेदारों या अपनी पसंद की टीमों का खेल देखने स्टेडियम आई थीं। ऐसा सऊदी सरकार की खुलेपन और महिलाओं के अधिकारों में इजाफा करने की नीति के चलते हुआ।


स्टेडियमों ने दी महिला दर्शकों को प्रवेश की इजाजतसऊदी अरब के युवराज मुहम्मद बिन सलमान (32) की हरी झंडी मिलने के बाद अक्टूबर 2017 में जनरल स्पोर्ट्स अथॉरिटी ने जेद्दा, दम्मम और रियाद के स्टेडियमों में दर्शक के रूप में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दी। स्टेडियम में महिलाओं से जुड़ी सुविधाएं स्थापित करने के बाद 2018 में इस अनुमति पर अमल शुरू हुआ है। इससे पहले सऊदी अरब में पुरुषों के खेलों को देखने की महिलाओं को अनुमति नहीं थी। हिंदू महिलाओं के लिए 'सुनहरी जेल' है सऊदी अरब?कंपनियों ने लगाई महिलाओं के लिए कार प्रदर्शनी
बीते गुरुवार को रियाद में खासतौर पर महिलाओं के लिए कार प्रदर्शनी लगाई गई। कार निर्माता कंपनियों ने महिलाओं को मिले कार चलाने के अधिकार के मद्देनजर यह प्रदर्शनी लगाई थी। प्रदर्शनी में पहुंचीं महिलाओं की ओर से कंपनियों को अच्छा रिस्पांस भी मिला। युवराज मुहम्मद ने समाज में आ रहे बदलावों पर खुशी जाहिर की है।   सऊदी अरब में महिलाओं से एक बैन और खत्म, अब बाइक और ट्रक भी चला सकेंगी

Posted By: Satyendra Kumar Singh