-विश्व पर्यावरण दिवस पर एनएलयू रांची में नेशनल सेमिनार

-देश भर से आए यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधियों ने रखे विचार

RANCHI: हम धरती को पीड़ा देंगे, तो जाहिर है धरती भी हमें पीड़ा देगी। ग्लोबल वार्मिग, अकाल, बाढ़ जैसी अनेकों प्राकृतिक आपदाएं आए दिन हमें रुला रही हैं। इसकी वजह हम लोग खुद हैं। ये बातें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रो डॉ मो जफर महफू ज नोमानी ने कहीं। वह रविवार को नेशनल लॉ यूनिर्वसिटी व युगांतर भारती संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक राष्ट्रीय सेमिनार में बोल रहे थे। विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित इस सेमिनार का विषय पर्यावरण कानून मुद्दे और चुनौतियां भारत के विशेष संदर्भ में था।

समझनी होगी जिम्मेवारी

डॉ नोमानी ने कहा कि पर्यावरण सिर्फ पेड़ों से नहीं है। इसके कई रूप हैं। जैसे संसाधनों का संरक्षण और संव‌र्द्धन, जैव विविधता, वाइल्डलाइफ। हेरिटेज, ट्रेडिशनल नॉलेज, बौद्धिक सम्पदा और जो लोग प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठा कर चल रहे हैं, उनका संरक्षण। इस समस्या का समाधान तभी हो सकता है, जब राज्य कस्टोडियन के जैसा प्रकृति के प्रति अपने दायित्वों को समझे और प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के प्रति अपना फर्ज निभाए। सिर्फ लॉ और पॉलिटिक्स से कुछ नहीं हो सकता।

8फ् प्रतिभागियों के पेपर प्रेजेंट

सेमिनार में देश भर के 8फ् प्रतिभागियों ने पेपर प्रेजेंट किया। चार सेशंस चले। इसमें एनएलयू विशाखापतनम, तमिलनाडु नेशनल लॉ स्कूल, एमिटी लखनऊ, सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड, गलगोटिया यूनिवर्सिटी, किट यूनिवर्सिटी भुबनेश्वर। आईआईटी खड़गपुर आदि के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। मौके पर मुख्य रूप से आईआईटी खड़गपुर के डॉ उदय शंकर, युगांतर भारती के सचिव आशीष शीतल, लॉ विवि के कुलपति प्रो डॉ बीसी निर्मल और असिस्टेंट रजिस्ट्रार डॉ पीपी मित्रा भी उपस्थित थे।

Posted By: Inextlive