पहाड़ी मंदिर समेत अन्य देवालयों की खास साज-सज्जा

गेरुआ वस्त्र से पटा बाजार, पूजा-पाठ की तैयारी में जुटे शिव भक्त

रोशनी से नहाए मंदिर, बिल्व पत्र, फल-फूल की सजी दुकानें

RANCHI: महादेव का प्रिय महीना सावन शनिवार से शुरू हो रहा है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की आराधना की तैयारी पूरी कर ली है। पहाड़ी मंदिर सहित सिटी के विभिन्न मंदिरों में खास साज-सज्जा की गई है। बाजार में गेरुआ वस्त्र की बिक्री बढ़ गई है। साथ ही पूरे महीने शुद्ध और शाकाहारी भोजन की घर में भी तैयारी कर ली गई है।

चार सोमवार को होगी पूजा

इस बार सावन महीने में चार सोमवार होंगे। सोमवारी पूजा तीन अगस्त, 10 अगस्त, 17 अगस्त और 24 अगस्त को होगी। हर सोमवार को उपवास रखकर शिव लिंग पर दूध, गंगाजल, बेल पत्र से पूजा करने से भगवान का आशीर्वाद मिलेगा। प्रसाद के रूप में इलायची, बताशा, पेड़ा, केला, सेव, नाशपति, अमरूद आदि फल चढ़ाया जा सकता है। इस महीने में दान ध्यान का भी खास महत्व है।

सौभाग्य योग बन रहा सावन माह में

इस वर्ष सावन महीने में सौभाग्य योग बन रहा है। सावन की शुरुआत में ही सर्वार्थ योग का संयोग है। एक अगस्त को सुबह 7.42 तक श्रवण नक्षत्र का प्रभाव रहेगा और दिन के 11.02 तक आयुष्मान योग रहेगा। एक अगस्त को दोपहर 1.09 से दो अगस्त सुबह 5.19 तक द्विपुष्कर योग रहेगा, जिसे सौभाग्य योग भी कहते हैं। इसके साथ दो प्रदोष भी आ रहे हैं। पहला 11 अगस्त और दूसरा 27 अगस्त को होगा।

पहाड़ी मंदिर में खास व्यवस्था

सावन के लिए मंदिरों को खूबसूरती से सजाया गया। असली फूलों के साथ आर्टिफिशियल फ्लावर और इलेक्ट्रिक बल्ब से रोशनी की व्यवस्था है। पहाड़ी मंदिर में होने वाली सबसे ज्यादा भीड़ को देखते हुए व्यापक व्यवस्था की गई है। जगन्नाथ मंदिर, काली मंदिर, दुर्गाबाटी, डोरंडा, कचहरी चौक, एचईसी सेक्टर टू, बरियातू हाउसिंग कॉलोनी के सामने, रातू रोड शिव मंदिर, कांके शंकर मंदिर, काठीटांड़ शिव मंदिर, खूंटी स्थित अमरेश्वर धाम आदि कई जगहों पर विशेष रूप से सजावट की गई है।

गेरुआ वस्त्र से पटा बाजार

पूजा के लिए दुकानों में गेरुआ वस्त्र बिकने लगे हैं। कई लोगों ने इस रंग का कुर्ता सिलवाया है। टीशर्ट, शॉर्ट, पायजामा, लुंगी और गमछा पहनकर पूजा करने जाएंगे। महिलाओं के लिए गेरुआ रंग की साड़ी, ब्लाउज और पेटीकोट बाजार में बिक रही है। इस रंग के सलवार कुर्ता विद दुपट्टा की भी डिमांड है।

खास श्रृंगार की तैयारी में महिलाएं

सावन महीना में महिलाएं विशेष श्रृंगार करती हैं। सुहाग की निशानी चूड़ी, बिंदी, पायल, बिछिया, चेन आदि अलंकार वे पूरे महीना धारण करती हैं। हरे रंग की श्रृंगार सामग्री के साथ इसी रंग की साड़ी पहनती हैं। साथ ही मेहंदी लगाने की परंपरा है। हाथों में एलबो तक और पैरों में घुटनों तक महिलाएं मेहंदी की खूबसूरत कलाकारी करती हैं।

बाबाधाम रवाना होने लगे कांवरिया

सावन महीने में देवघर स्थित बाबाधाम में भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए कांवरियों का जत्था रांची से रवाना होने लगा है। शुक्रवार को रेलवे स्टेशन पर गेरुआ वस्त्र धारियों का जमावड़ा लगा रहा। सभी भगवान शिव की जय जयकार कर रहे थे।

सावन का है महत्व (बॉक्स)

हिंदू धर्म में सावन महीना का खास महत्व है। इसे धर्म-कर्म का महीना भी माना जाता है। इस समय व्रत, दान, पूजा-पाठ करने से भगवान मनचाहा वर देते हैं। भगवान शिव के 108 नामों के उच्चारण मात्र से वांछित फल मिलता है। सुबह से शाम तक मंदिरों में पवित्र घंटा बजेगा और पूजा-अर्चना होती रहेगी।

Posted By: Inextlive