सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पर कोई रोक नहीं होगी। वहीं अधिनियम को चुनौती देने वाली लगभग 60 याचिकाओं पर सुनवाई अब 22 जनवरी को होगी। केंद्र वैधता पर हलफनामा दायर करेगा।

नई दिल्ली (आईएएनएस/एएनआई)। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 को लेकर सुप्रमी कोर्ट में करीब 55 से अधिक याचिकाएं दायर हुई हैं।& याचिका दाखिल करने वालों में सांसद जयराम रमेश, महुआ मोइत्रा और असदुद्दीन ओवैसी शामिल हैं। ऐसे में इन याचिकाओं पर आज बुधवार को सुनवाई।चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्य कांत की खंडपीठ ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 को लागू करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।वहीं अधिनियम को चुनौती देने वाली लगभग 60 याचिकाओं पर सुनवाई करने की तारीख 22 जनवरी तय की गई। इसके साथ ही केंद्र को नोटिस भेजा है। केंद्र वैधता पर हलफनामा दायर करेगा।

A Bench of Chief Justice SA Bobde, Justice BR Gavai and Justice Surya Kant refuses to stay the implementation of the Citizenship (Amendment) Act, 2019. Supreme Court says it will hear the pleas in January. pic.twitter.com/U4Up0yh7T9

— ANI (@ANI) December 18, 2019


अधिनियम पर नियम बनाए जाने बाकी
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को संशोधित अधिनियम के उद्देश्यों और वस्तुओं को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया क्योंकि लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं। अदालत ने कहा कि यह अनुरोध एक याचिकाकर्ता द्वारा किया गया है।& हालांकि यह असामान्य है, लेकिन यह विचार करने योग्य है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने जवाब दिया हम इसे करने के लिए खुश हैं। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत के समक्ष दलील दी कि अधिनियम पर नियम बनाए जाने बाकी हैं। कुछ वकीलों ने कहा कि अधिनियम पर रोक का कोई सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि इस पर नियमों को अभी तक लागू नहीं किया गया है ।

Posted By: Shweta Mishra