भारतीय सर्वोच्‍च अदालत ने वयोवृद्ध वकील राम जेठमलानी को महाभारत के चरित्र भीष्‍म की तरह पितामह का दर्जा दे दिया है।


भारतीय सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि राम जेठमलानी पितामह का दर्जा रखते हैं। ये बात उन्होंने बृहस्पतिवार को जेठमलानी के अनुरोध को स्वीकार करने के संदर्भ में कही। असल में राम जेठमलानी 30 जुलाई को अपने दो केसों की सुनवाई एक साथ करने का अनुरोध सर्वोच्च अदालत से कर रहे थे जिसमें से एक मामला काले धन के मामले की सुनवाई से संबंधित था। उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए ही अदालत ने उन्हें पितामह का दर्जा दिया और कहा कि उनकी बात सुनी ही जानी चाहिए क्योंकि वे पितामह के समान बुजुर्ग हैं।   
इसी के बाद एक और बड़े वकील संजय हेगड़े ने इस बात को उदाहरण बना कर अपने दो केसेस की सुनवायी को साथ में करने का अनुरोध किया पर अदालत ने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया। यानि जो बात अदालत को जेठमलानी के संदर्भ में सही लगी वो हेगडे के मामले में उन्हें स्वीकार नहीं हुई। यानि कहा जा सकता है कि एक ही दिन में अदालत ने पितामह के बाद महाभारत के और चरित्र अभिमन्यु की भी झलक देख ली जो बहादुरी से लड़ा पर नाकामयाब रहा।

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Posted By: Molly Seth