भारत बंद के दौरान प्रदेश मेरठ और आगरा जोन में सर्वाधिक हिंसा की घटनाएं हुई हैं। इस दौरान डीजीपी ओपी सिंह ने एडीजी कानून-व्यवस्था से हालात का जानकारी ली और उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को परिवहन निगम की बसों को निशाना बनाते हुए एक दर्जन से अधिक बसों में तोडफ़ोड़ की और पांच बसों को आग के हवाले कर दिया। ऐसे में सरकार का कहना है क‍ि वह इस संपत्‍ति‍ का नुकसान वसूलेगी।

सीसीटीवी से करेंगे उपद्रियों की पहचान
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी को इस बारे मे ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। वहीं डीआईजी कानून-व्यवस्था प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि भारत बंद के दौरान मुजफ्फरनगर में परस्पर फायरिंग में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए जिसमें एक की बाद में मौत हो गई। हापुड़ में भी गोली चली। उन्होंने कहा कि षड्यंत्र के एंगिल से भी घटनाओं की जांच होगी। इस बात का आकलन भी कराया जा रहा है कि उपद्रव में कितने का नुकसान हुआ। वीडियो और सीसीटीवी फुटेज से उपद्रवियों की पहचान कर उनसे सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की वसूली की जाएगी। कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि हिंसा के मद्देनजर पांच कंपनी पीएसी और चार कंपनी आरएएफ तैनात की गयी है। मेरठ, हापुड़, आगरा और गाजियाबाद में आरएएफ की अतिरिक्त कंपनियां भेजी गयी है। वहीं पीएसी को संवेदनशील जिलों में तैनात किया गया है।
इन जगहों पर फूंकी गई रोडवेज बसें

परिवहन निगम के अधिकारियों के अनुसार जीएन पुर आजमगढ़ और हापुड़ में तीन बसें बुलंदशहर के निकट दो बसें फूंकी गई। वहीं जीएन पुर आजमगढ़ में सात, हापुड़ में 11 और बुलंद शहर में एक बस क्षतिग्रस्त हो गई। शाम चार बजे तक जहां तोडफ़ोड़ और जलाई गई बसों की संख्या 22 थी वहीं शाम तक इनकी संख्या 25 के पार पहुंच गई। एक स्कैनिया बस भी हिंसा का शिकार हुई।  मुख्य प्रधान प्रबंधक संचालन एचएस गाबा के अनुसार जब एक के बाद एक बसों में तोडफ़ोड़ की सूचना आनी शुरू हुई तो बसों का संचालन दोपहर में थोड़ी देर के लिए रोका गया।

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Posted By: Shweta Mishra