-बिजली विभाग का मेगा प्रोजेक्ट हुआ धड़ाम

-स्काडा के माध्यम से सेंट्रलाइज किया जाना था शहर का पॉवर

Meerut: मेरठ में लंबे समय से प्रस्तावित स्काडा प्रोजेक्ट धड़ाम हो गया है। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम ने अपने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के धाराशायी होने की घोषणा कर दी। इसके साथ ही शहर को मिलने वाली निर्बाध आपूर्ति की उम्मीदें भी धूमिल हो गई। केंद्र सरकार के इस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने के लिए पिछले आठ सालों से प्रयास किया जा रहा था।

क्या है स्काडा

भारत सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्वीजिशन) की शुरुआत 2008 में की गई थी। योजना का मुख्य उद्देश्य शहर की पॉवर सप्लाई को सेंट्रलाइज करना था। इसके लिए शहर के समस्त फीडरों का इंटर कनेक्टेड किया जाना था। प्रोजेक्ट के चलते किसी भी फीडर पर टेक्निकल फॉल्ट होते ही उसका लोड दूसरे फीडर से कनेक्ट किया जाना था। इसमें शहर के सभी फीडरों की क्षमता भी बढ़ाई जानी थी।

50 प्रतिशत लोड पर होना था स्ट्रक्चर

दरअसल, स्काडा के माध्यम से सभी पॉवर स्टेशनों को 50 प्रतिशत इलेक्ट्रीसिटी लोड पर लाना था, ताकि एक फीडर का लोड उस पर लाया जा सके। प्रोजेक्ट के अंतर्गत शहर की एलटी, एचटी लाइनों का मेंटीनेंस के साथ-साथ नए फीडरों का निर्माण, फीडरों की क्षमता वृद्धि, 66/11 व 33/11 के नए बिजली घरों का निर्माण, डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता वृद्धि, एबीसी कंडक्टर का इस्तेमाल व मोबाइल सब-स्टेशन आदि कार्य कराए जाने थे।

क्या थी लागत

भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट की लागत 10 हजार करोड़ रुपए रखी गई थी। प्रोजेक्ट की शुरुआत में कुल लागत का 40 प्रतिशत राशि के लिए विद्युत वितरण कंपनी को फंड जुटाना था। इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से किस्तों के रूप में अनुदान दिया जाना था। केंद्र सरकार की ओर से प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए 2011 डेडलाइन रखी थी। बावजूद इसके लंबे प्रयास के बाद प्रोजेक्ट धड़ाम हो गया।

क्यों हुआ असफल

हालांकि विभाग स्काडा के ड्रॉप होने का कारण उपयुक्त स्ट्रक्चर का न होना बता रहा है, लेकिन सूत्रों की मानें तो प्रोजेक्ट शुरू न होने का सबसे बड़ा कारण पर्याप्त बजट का न होना है। बताया जा रहा है कि शुरुआती 40 फीसदी बजट के लिए डिस्कॉम ने प्रतिष्ठित बैंकों में लोन के लिए आवेदन किया था, लेकिन बैंकों ने इतना बड़ा लोन देने से स्पष्ट इनकार कर दिया। बजट की व्यवस्था न होती देख विभाग ने प्रोजेक्ट को ड्रॉप कर दिया है।

कॉर्पोरेशन के निर्देश पर स्काडा प्रोजेक्ट को ड्रॉप कर दिया गया है। प्रोजेक्ट ड्रॉप होने के पीछे अनुकूलित ढांचे का न होना है। अभी पॉवर सिस्टम को अपग्रेड करने में समय लगेगा।

-अनिल कुमार

डायरेक्टर टेक्निकल, पीवीवीएनएल

Posted By: Inextlive