Kanpur:पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर की अगवानी के लिए चमकाई जा रही किदवई नगर-बाईपास रोड की असलियत चन्द घंटों में खुलकर सामने आ गई. रात में करीब एक किलोमीटर की दूरी तक बिटुमिन लेयर बिछाई गई. लेकिन ये सुबह तक भी नहीं टिक सकी. ब्लैक टॉप जगह-जगह से उखड़ गया है और नीचे की पुरानी रोड फिर से नजर आने लगी है. इससे पीडब्ल्यूडी ऑफिसर्स में अफरातफरी मच गई है. क्योंकि ये पहला मौका होगा जब पॉटहोल्स से छुटकारा दिलाने के लिए बनाई जा रही रोड पर ही जगह-जगह पर गड्ढे हो गए हों. केवल बजरी ही नहीं उखड़ी बल्कि जगह जगह से बिट्ुमिन लेयर ही गायब हो गई है. इससे पहले वीआईपी रोड ग्वालटोली रोड मालरोड पर डिवाइडर बनाने आदि डेवलपमेंट वर्क में भी गड़बड़ी पाई जा चुकी है.

मंत्रीजी की भी नहीं परवाह
दरअसल पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर शिवपाल को किदवई नगर-बाईपास रोड पर स्थित वृन्दावन लॉन में एक प्रोग्र्राम में शामिल होने आना है। इसके लिए जर्जर किदवई नगर-बाईपास रोड को चमकाया जा रहा है। किदवई नगर चौराहा से एच ब्लाक चौराहा तक पैचवर्क किया गया। इसके बाद बाईपास तक करीब एक किलोमीटर लम्बाई में 3.5 मीटर चौड़ी बिटुमिन लेयर पीडब्ल्यूडी ने बिछाई। लोगों को कहना है कि रात के अन्धेरे में मानकों को ताख पर रखकर रोड बनाई गई है। लेयर बिछाने में बिटुमिन का यूज भी ना के बराबर किया गया है। इसी वजह से सुबह होते-होते रात में सडक़ पर बिछाई गई लेयर टिक नहीं सकी। रोड से गुजर रहे लोग ये देखकर हैरान रह गए कि बिटुमिन  लेयर बिछाई जाने के बाद भी पुरानी सडक़ नजर आ रही है।
70 लाख गड्ढे में गए?
चन्द घंटों में जगह से जगह बिटुमिन लेयर उखडऩे से पीब्डब्ल्यूडी ऑफिसर्स मामला दबाने में जुटे हुए है। गलनभरी ठंड में रोड पर फैली बजरी साफ की जाने लगी। लेकिन काली-काली रोड(बिटुमिन लेयर) से नीचे की दिख रही पुरानी रोड को वे छिपा नहीं सके। उनकी सारी पोल खुलकर सामने आ गई है। अब पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन कह रहे है कि 70 लाख से बीएम, एसडीसी नहीं किया जा रहा था। केवल रोड पर पैचवर्क हो रहा था। गाडिय़ों के गुजरने से पैचवर्क उखड़ गया है। जबकि जानकारों का कहना है कि किदवई एच ब्लाक चौराहा से बाईपास की तरफ सेमी डेंस कारपेट बिछाई गई है। खैर ये भी मान लिया गया कि पैचवर्क हो रहा था, तो क्या ऐसा घटिया पैचवर्क होता है कि चन्द घंटे भी न चल सके। पैचवर्क में भी जगह-जगह पैच हो गए हैं। अगर पैचवर्क में ये हाल तो रोड बनाने में क्या होता।
इनकी तो आदत बन गई है
रोड में बनाने में गड़बड़ी का ये पहला मामला नहीं है। इससे चन्द दिन पहले डीजी कॉलेज के पास वीआईपी रोड बनने के साथ ही उखडऩे लगी थी। दिन में दुबारा बनाई गई। करीब 50 लाख से पनकी गंगागंज रोड उखडऩे पर पब्लिक ने जमकर हंगामा किया। ग्वालटोली थाना से पहला चौराहा तक सडक़ बनने से पहले लोकार्पण पत्थर तक लग गए। जबकि रोड कुछ दिनों पहले ही बनी, उसमें भी ग्वालटोली चौराहा सहित कई जगह गिïट्टी उखड़ कर फैली पड़ी है। जो मानक को ताक पर रखकर रोड बनाने की गवाही दे रही हैं। इससे पहले चुन्नीगंज-मालरोड पर डिवाइडर बनाने में भी घटिया बनाने का मामला डीएम ने पकड़ा था.  


"बिटुमिन लेयर बिछाकर रोड सही की जा रही थी, लेकिन गाडिय़ों के गुजरने से गिïिट्टयां उखड़ गई हैं। कुछ मौसम का भी प्रभाव है."
- केसी वर्मा एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी

"रोड बनाने में मनमानी हो रही है, पब्लिक और पैसे की कोई परवाह नहीं है."
- विकास वर्मा

"यही क्या कम है कुछ पैसे बजरी में लगाए हैं"
- असीम मित्रा
"जब तक डेवलपमेंट वर्क ईमानदारी से नहीं होंगे, तब तक इसी तरह रोड पर गड्ढे होते रहेंगे और लोगों को अनहोनी का सामना करना पड़ेगा। "
-प्रवीण द्विवेदी
"पीडब्ल्यूडी मीन्स पुअरेस्ट वर्क डिपार्टमेंट."
-मोनिश महमूद अली
"गड़बडिय़ों की वजह से ही कानपुर में सडक़ में गड्ढे नहीं बल्कि गड्ढों में सडक़ हैं."
- राहुल
पुलिस की मनमानी नहीं चली
किदवई नगर बाईपास रोड पर स्थित वृन्दावन लॉन में प्रोग्र्राम शामिल होने आ रहे पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर का हेलीकॉप्टर पास में खाली पड़े ग्र्राउंड में उतारने की तैयारी थी। इसके लिए फ्राईडे को हेलीपैड के लिए प्लेटफार्म बनाने के साथ ईंट का खडंजा भी लगाया जा रहा था। शाम को अचानक सेना के जवानों की 2 गाडिय़ां पहुंचीं। जवानों ंने हेलीपैड बनाने का काम बन्द करा दिया। झाडिय़ां व सफाई में लगी जेसीबी वापस ले जाने, वहां मौजूद ईंट निर्माण सामग्र्री व अन्य सामान भी तुरन्त ही हटाने पर मजबूर कर दिया। सीओ रोहित मिश्रा व पवित्र मोहन त्रिपाठी की भी एक न सुनी।
"हेलीपैड सीओडी के पास बनाया जा रहा था जो कैंट बोर्ड की जमीन है। परमीशन को लेकर सेना के जवानों ने काम बंद करा दिया."
दयानंद सरस्वती, एसीएम 5
" हेलीपैड के लिए कैंटबोर्ड की परमीशन है। कुछ कन्फ्यूजन हुआ, शायद सेना के जवानों को कैंट बोर्ड से परमीशन होने का मैसेज नहीं मिला था। इसी वजह से उन्होंने काम रुकवा दिया। बाद में स्थिति साफ हो गई। लेकिन पीडब्ल्यूडी इंजीनियर चले गए। उनसे बात की जा रही है."
-एमआर सिंह, एसपी ट्रैफिक
" प्रशासन की तरफ से पुलिस लाइन में हेलीकॉप्टर उतारने की तैयारी पहले से ही थी। पुलिस ने सिक्योरिटी व अन्य दिक्कतों को देखते हुए वृन्दावन लॉन के पास हेलीपैड बनाया। हेलीपैड बनाने का काम सेना के जवानों ने क्यों रूकवा दिया इसकी जानकारी नहीं है."
 -अविनाश सिंह, एडीएम सिटी

Posted By: Inextlive