- अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में गत सत्र में 144 मदरसों को किया था चिह्नित

- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा

- विभागीय जांचकर मदरसों की रिपोर्ट भेजी जाएगी शासन को

Meerut: मेरठ के 144 मदरसों की छात्रवृत्ति पर शासन स्तर से फिलहाल रोक लगा दी गई है। इन मदरसों को सत्र 2015-16 में छात्रवृत्ति हड़पने का आरोपी पाया गया था। आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा शिक्षा संस्थानों में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर रही है। एजेंसी की रिपोर्ट के बाद ही इन मदरसों की सत्र 2016-17 की छात्रवृत्ति रिलीज की जाएगी।

'राम' को 'रहीम' बनाया

तत्कालीन डीएम पंकज यादव ने मेरठ के 144 ऐसे मदरसों को चिह्नित कर कार्रवाई की थी, जिन्होंने राम को रहीम बनाकर करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति की धनराशि हड़पी थी। जांच में निकलकर आया था कि मेरठ की 144 अल्पसंख्यक संस्थाओं (मदरसों) ने अपने बहुसंख्यक छात्रों का प्रवेश दर्शाकर छात्रवृत्ति हड़प ली थी। तत्कालीन डीएम ने शासन को पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए सभी मदरसों की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को सौंपी थी। शासन के निर्देश पर 4 मदरसों के खिलाफ करीब 58 लाख रुपये की रिकवरी के आदेश भी जारी किए गए थे।

डीएम ने की समीक्षा

डीएम बी। चंद्रकला ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग समेत तहसील प्रशासन से हुए घोटाले की विस्तृत जानकारी हासिल की है। डीएम ने सभी मदरसों से जल्द से जल्द रिकवरी के निर्देश तहसील प्रशासन को दिए। वहीं अफसरों से वसूली में हीलाहवाली पर स्पष्टीकरण भी तलब किया है। डीएम ने स्पष्ट किया कि सभी मदरसों के संबंध में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही छात्रवृत्ति के संबंध में अगला फैसला लिया जाएगा।

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केंद्रीय योजना में भ्रष्टाचार को संज्ञान में लेते हुए शासन के निर्देश पर एक जांच कमेटी गठित कर दी गई है। फिलहाल जांच कमेटी की रिपोर्ट आने तक छात्रवृत्ति को रोका गया है।

एसएस पांडेय, प्रभारी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, मेरठ

Posted By: Inextlive