स्कूलों में दो वर्ष तक संचालित होगा कोर्स

एसपी क्राइम बने नोडल अधिकारी, मेरठ के 43 स्कूलों का हुआ चयन

Meerut। बच्चों एवं टीनएजर्स में ड्रग एब्यूज, सेक्सुअल हेरेसमेंट, गंभीर अपराध और बुराइयों को रोकने के लिए स्कूली बच्चों को तैयार किया जा रहा है। छात्र-छात्राओं के मन में पुलिस के प्रति बसी निगेटिव एप्रोच को समाप्त करने, सुरक्षा और शांति का भरोसा दिलाने के काम भी ये ट्रेंड स्टूडेंट्स करेंगे। यूपी गर्वमेंट ने युवा पीढ़ी को आत्मबल से भरने के लिए स्कूलों में स्टूडेंट कैडेट पुलिस (एसपीसी) योजना को शुरू किया है। गृह विभाग की इस योजना के तहत स्कूली छात्रों को दो वर्ष तक स्कूलों में ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग का प्रोग्राम गृह मंत्रालय द्वारा जारी किया जाएगा। मेरठ के प्राइमरी और हायर सेकेंड्री 43 स्कूलों का चयन स्कीम के तहत किया गया है। स्टेट नोडल अधिकारी एडीजी अमिताभ ठाकुर हैं जबकि मेरठ में एसपी क्राइम रामअर्ज को इस स्कीम का नोडल अधिकारी बनाया गया है। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने शासनादेश में योजना के संचालन की व्यवस्था तय की है।

समितियां करेंगी निगरानी

जनपद स्तरीय अनुश्रवण समिति

जिलाधिकारी-अध्यक्ष

हर माह के प्रथम सप्ताह एसपीसी कार्यक्रम के संबंध में समिति के अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और प्रगति की समीक्षा करेंगे। माह में कम से कम एक विद्यालय का औचक निरीक्षण करेंगे।

पुलिस अधीक्षक-सदस्य

मासिक बैठक में पुलिस विभाग से संबंधित जानकारी को डीएम के साथ साझा करेंगे। कम से कम एक विद्यालय में निरीक्षण करेंगे।

जिला विद्यालय निरीक्षक-सदस्य

चयनित विद्यालयों में एसपएस कार्यक्रमों का हर माह निरीक्षण करेंगे और समीक्षा करेंगे। कम से कम दो स्कूलों का निरीक्षण करेंगे।

बेसिक शिक्षा अधिकारी-सदस्य

बेसिक स्कूलों में संचालित कार्यक्रमों का निरीक्षण करेंगे, समीक्षा करेंगे। कम से कम 1 स्कूल का हर माह औचक निरीक्षण करेंगे।

पुलिस अधीक्षक द्वारा नामित एसपी/एएसपी लेवल का नोडल अधिकारी-सदस्य

एसपीसी कार्यक्रम से संबंधित डॉक्यूमेंट तैयार करेंगे। राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी के साथ सूचनाएं साझा करेंगे। माह में दो विद्यालयों का कम से कम निरीक्षण करेंगे।

इसके अलावा

थाना स्तरीय पुलिस नोडल अधिकारी

हेड कांस्टेबल स्तर का पुलिसकर्मी थाना स्तरीय नोडल अधिकारी होगा। जो जनपद नोडल अधिकारी से समन्वय स्थापित करेगा। और स्कूलों में ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालन का बंदोबस्त करेगा। आ रही समस्याओं का भी निस्तारण करेगा।

विद्यालय के प्रधानाचार्य

सीनियर सेकेंड्री एवं प्राइमरी स्कूलों के प्रिंसिपल स्कूल स्तर पर एक अध्यापक को नोडल अधिकारी नामित करेंगे। जो स्कूल में कार्यक्रम के संचालन के लिए उत्तरदायी होगा। प्रधानाचार्य योजना से संबंधित दस्तावेजों और रिपोर्ट को जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी के साथ साझा करेंगे। योजना के संचालन में आ रहे खर्च का ब्योरा भी प्रधानाचार्य को जिला समिति के समक्ष रखना होगा।

विद्यालय के नोडल अधिकारी के कार्य

विद्यालय के नोडल अधिकारी को थाना स्तरीय नोडल अधिकारी, जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी के साथ तालमेल बैठाकर दो वर्षीय कार्यक्रम का संचालन कराना होगा। एसपीसी के विभिन्न कार्यक्रमों में हो रहे खर्च का पूरा ब्योरा रखना होगा। डॉक्यूमेंट्री तैयार करनी होगी।

मेरठ में एसपीसी स्कीम के तहत 43 स्कूल कॉलेजों में दो वर्षीय ट्रेनिंग प्रोग्राम का संचालन किया जाएगा। राज्य नोडल अधिकारी के निर्देशन में दो बैठकों का आयोजन चयनित स्कूलों के साथ कर लिया गया है। स्कूल नोडल अधिकारी और पुलिस नोडल अधिकारी का भी चयन कर लिया गया है। जल्द ही स्कूलों में छात्रों का प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा।

राज अर्ज, एसपी क्राइम/नोडल अधिकारी एसपीसी

Posted By: Inextlive