पढ़ाई और एक्स्ट्रा प्रेशर से बच्चों में कम हो रहा स्टेमिना
-हर रोज प्रेयर में गिरते हैं 5 से 10 बच्चे
-खान-पान और बिजी लाइफ के जरिए बच्चों में नही है स्टेमिनाआगरा। किताबों का बोझ, ढ़ेर सारा होमवर्क और बिगड़े खान-पान के चलते आगरा के नौनिहालों में तेजी से स्टेमिना गिर रहा है। दो कदम चलते ही बच्चे थक जाते हैं। मौसम बिगड़ते ही तमाम तरह की बीमारियां अपने में जकड़ लेती है। हालत यह है कि लगभग हर स्कूल में प्रेयर के समय रोजाना पांच से 10 बच्चे बेहोश होकर गिर रहे है। जिससे अंदाजा यह लगाया जा सकता है कि बच्चों में दस मिनट भी खड़े होने का स्टेमिना नहीं है। बच्चों के तेजी से गिरते स्टेमिना पर डॉक्टरों ने भी चिंता जताई है। डॉक्टरों ने कहा है कि पढ़ाई के साथ ही आजकल बच्चों की सेहत का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है। मानसिक के साथ ही उनका शारीरिक स्तर पर मजबूत होना भी बेहद जरूरी है।
डॉ। अरुण जैन, चाइल्ड स्पेशलिस्टबिगड़ रहा है खान-पान
चाइल्ड स्पेशिलिस्ट डॉ। अरुण जैन ने बताया कि आजकल बच्चों में तेजी से स्टेमिना गिर रहा है। जिसकी वजह उनका बिजी शेड्यूल और बिगड़ा खान-पान है। मां-बाप बच्चों को बाहर के खाने की आदत डाल रहे हैं। जिससे बच्चे घर के बने खाने को हाथ नहीं लगाते। बाहर का जंक फूड उन्हें फैटी और कमजोर बना रहा है। जिसका ही नतीजा है कि कम उम्र में बच्चे डायबिटीज और ब्लड प्रेशर का शिकार हो रहे हैं। घर के बने खाने में प्रोटीन, विटामिन आदि होता है जो बच्चों को अंदर से और फिजिकली भी फिट रखता है।
स्कूल में प्रेयर में खड़ा होना मुश्किल अप्सा प्रेसिडेंट सुशील गुप्ता ने बताया कि प्रेयर में रोजाना पांच से दस बच्चे बेहोश होकर गिर जाते हैं। बच्चों में दस मिनट खड़े होने, गर्मी सहने की क्षमता नहीं है। इसके लिए कहीं न कहीं बच्चों के पेरेंट्स जिम्मेदार हैं। बेहतर सेहत के लिए बच्चों को पेरेंट्स टिफिन में हेल्दी फूड रखकर भेजे। घर का खाना खाने की आदत डलवाएं। साथ ही बच्चों को प्रॉपर नींद और सोशल मीडिया की दुनिया से दूर रखने की कोशिश करें। इन कारणों से बच्चे हो रहे कमजोर -बच्चे ब्रेकफास्ट करके नहीं जा रहे स्कूल -टिफिन में मिल रहा जंक फूड -खाने से गायब प्रोटीन, विटामिन -खाने का गैप रहता है बहुत ज्यादा -रात के बाद दोपहर में लेते है लंच -आउट डोर एक्टिविटी न के बराबर -मल्टीमीडिया में बढ़ रहा इंट्रेस्ट -देर रात तक जगते रहना -सुबह पांच बजे उठकर स्कूल के लिए रेडी होना बच्चों शेड्यूल इस तरह करे निर्धारितचाइल्ड स्पेशिलिस्ट डॉ। अरुण जैन ने बच्चों को बेहतर खान-पान एवं सेहत मेनटेन रखने के लिए जरूरी टिप्स दिए।
-बच्चे सात से आठ घंटे की नींद जरूर लें। -सुबह ब्रेकफास्ट कराकर ही स्कूल भेजें। -बच्चों के टिफिन में घर का बना हुआ खाना रखें। -बाजार के खाने में कटौती करें। -दोपहर में दाल, सब्जी सहित पूरा खाना खिलाएं। -दोपहर में एक घंटे की नींद जरूर कराएं। -शाम को फलों का सेवन कराएं। -शाम को कम से कम एक घंटे बाहर खेलने के लिए भेजें। -सोने से दो घंटे पहले डिनर कराएं। -रात को नौ बजे सोने के लिए भेज दें। बच्चों में स्टेमिना कम हो रहा है। स्कूल की मॉर्निग प्रेयर में हर रोज पांच से दस बच्चे बेहोश होकर गिर जाते हैं। पेरेंट्स की बिजी लाइफ बच्चों पर असर कर रही है। बच्चों के खान-पान और उनके शेड्यूल का पेरेंट्स को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। डॉ। सुशील गुप्ता, प्रेसिडेंट, अप्सा खान-पान के साथ ही बच्चों की दिनचर्या भी बिगड़ी हुई है। ज्यादा होमवर्क, नींद की कमी और अनहेल्दी फूड उन्हें अंदर से कमजोर बना रहा है। छोटी सी उम्र में बच्चों की सेहत पर पेरेंट्स को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।