स्कूल वाहनों पर लागू नहीं होते नियम
- शहर में दौड़ रहे हैं 700 स्कूल वाहन।
- 40 हजार से अधिक करते है बसों में सफर। Meerut। सीबीएसई स्कूलों में स्कूल वाहनों को लेकर समय-समय पर निर्देश दिए जाते हैं। लेकिन वाबजूद इसके भी शहर में बिना मेंटीनेंस के वाहन दौड़ते है व रोजाना एक्सीडेंट होते हैं। ऐस में स्कूलों व आरटीओ दोनों की जिम्मेदारी बनती है कि बसों की मेंटीनेंस को बनाए रखें। कई बार दिए निर्देश -2017 जनवरी व फरवरी में ही जीपीएस सिस्टम को लेकर व मेंटीनेंस को लेकर निर्देश दिए है। - 2016 अप्रैल, जुलाई में मेंटीनेंस को लेकर निर्देश जारी किए गए। - 2015 जुलाई में हॉर्न को लेकर निर्देश दिए हैं। - 2015 अप्रैल में रिन्यूवल व फर्स्ट एड को लेकर निर्देश दिए। हालात चिंताजनक -40 बच्चों की जगह सवाल होते हैं 70 से अधिक बच्चे एक बस में।-700 से अधिक स्कूली बसें शहर में दौड़ रही हैं
-40 हजार से अधिक बच्चे इन बसों में करते हैं सफर। ये हुई कार्रवाई -18 बार चलाया गया एक साल में अभियान -2016 दिसंबर में चला था अंतिम अभियान -96 चालान हुए थे पिछले एक साल मेंसमय-समय पर खटारा स्कूल वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है। इस दौरान वाहनों की फिटनेस व चालक का डीएल देखा जाता है, कार्रवाई की जाती है।
-दीपक शाह, एआरटीओ प्रर्वतन समय-समय पर स्कूल वाहनों की फिटनेस की जानकारी लेते हैं। बसों का रिन्यूएवल भी करवाया जाता है। इसके अलावा रिटायर्ड वाहनों को बदला जाता है। -राहुल केसरवानी, सहोदय सचिव