-टीएमएच में चल रहा है इलाज, सिर और हाथ में लगी है चोट

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JAMSHEDPUR: प्राइवेट स्कूली वैन से गिरकर आरवीएस एकेडमी की तीन स्टूडेंट्स घायल हो गईं. बुधवार को यह हादसा आजाद बस्ती के रोड नंबर तीन में दोपहर करीब क्क्.फ्0 बजे हुआ. स्कूल में छुट्टी होने के बाद वैन में सवार हो कर बच्चे घर जा रहे थे, इस दौरान यह घटना हुई. जानकारी के मुताबिक मानगो थाना क्षेत्र के आजाद नगर बस्ती के रोड नंबर 7 के पास स्कूली वैन का पिछला हिस्सा झटके में खुल गया. इससे वैन में सवार तीन बच्चियां गिर गईं. घटना में हुमरा, सिमरा और ईशा खानम को गंभीर चोटें आईं हैं. डॉक्टरों ने हुमरा के परिजनों को बताया कि चोट लगने के बाद ब्लड क्लॉट कर गया है. टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) के इमर्जेसी वार्ड में तीनों का इलाज चल रहा है.

बीच रोड पर छोड़ भागा वैन ड्राइवर

घटना के बाद ड्राइवर वैन लेकर फरार हो गया. आसपास के लोगों के सहयोग से घायल तीनों बच्चियों को गुरुनानक अस्पताल में लाया गया. वहां प्राइमरी ट्रीटमेंट के बाद सभी स्टूडेंट्स को टीएमएच रेफर कर दिया गया.

क्षमता से अधिक सवार थे स्टूडेंट्स

घायल छात्रा ईशा खानम ने बताया कि वैन में ख्0 से ज्यादा बच्चे सवार थे. वैन की स्पीड भी ज्यादा थी. ईशा ने बताया कि वैन में ड्राइवर के अलावा कोई दूसरा कर्मचारी भी नहीं था. वैन का गेट भी वैन में सवार स्टूडेंट्स को ही करना पड़ता है.

गार्जियन को पता नहीं

ईशा के पिता अब्दुल सलीम खान को यह पता नहीं है कि कौन सा वैन वाला उनके बच्चों को स्कूल पहुंचाता है और घर लाता है. उन्होंने बताया कि पहले जो वैन बच्चों को ढोता था उसी ने नया वैन फिक्स ि1कया था.

इस साल की तीसरी घटना

इससे पहले क्म् फरवरी काशीडीह हाई स्कूल के बच्चे ऑटो पलटने से घायल हुए थे. ख्ख् अप्रैल को जेल चौक साकची के पास स्कूली बच्ची ऑटो से गिरकर घायल हो गई थी. घटना के बाद ख्फ् अप्रैल को आई नेक्स्ट ने विभिन्न स्कूलों में चलने वाले वैन और ऑटो की रियलिटी चेक किया था. इसमें पाया गया था कि सिटी के अधिकांश स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा का बिल्कुल ख्याल नहीं रखा जाता. घटना के बाद न तो किसी स्कूल मैनेजमेंट और न ही जिले के किसी अधिकारी ने इस संबंध में कोई एक्शन लिया.

क्या कहता है सुप्रीम कोटर् का रूल्स

स्कूलों में चलने वाले बसेज और वैन के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गाइडलाइंस तैयार किए गए हैं. क्या हैं गाइडलाइन्स आइए जानते हैं..

-स्कूली बच्चों का वाहन पीले रंग का होना चाहिए.

-ड्राइवर के पास व्हीकल चलाने का कम से कम पांच साल का एक्पीरिएंस हो. -व्हीकल में फ‌र्स्ट एड की मुकम्मल व्यवस्था हो.

-स्कूल का एक अटेंडेंट वैन में बच्चों की देखरेख के लिए मौजूद हो.

-वैन में पीने का पानी उपलब्ध हो.

हमारे स्कूल में बसेज हैं. जो पैरेंट्स बस के लिए अप्लाई करते हैं उन्हें बस सर्विस प्रोवाइड की जाती है. हां यह जरूर है कि बसेज मेन रोड पर ही बच्चों को ड्रॉप करती हैं, स्ट्रीट में नहीं जाती है. इसलिए कई गार्जियन बसों को अवाइड करते हैं. स्कूल में निजी तौर पर चलने वाले सभी वैन और ऑटो के नंबर्स और डिटेल्स हमारे पास उपलब्ध रहते हैं. सेफ्टी के लिए उन्हें गाइडलाइंस भी दिए जाते हैं.

-वीणा तलवार, प्रिंसिपल, आरवीएस स्कूल

स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा सबसे अहम है. सिटी के स्कूल वैन और ऑटो में ओवर लोडिंग की बात सामने आई है. ट्रैफिक पुलिस इसके लिए जल्दी ही कड़े कदम उठाएगी.

-विवेकानंद ठाकुर, ट्रैफिक डीएसपी

Posted By: Kishor Kumar