जम्मू-कश्मीर के मुख्य शहर में स्कूल फिर से खुल गए हैं लेकिन अधिकांश कक्षाएं खाली थीं क्योंकि माता-पिता ने पहले दिन अपने बच्चों को स्कूलों में नहीं भेजा। प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों को बड़ी संख्या में तैनात रखा है।


श्रीनगर (रॉयटर्स)। जम्मू-कश्मीर के मुख्य शहर में सोमवार को स्कूल फिर से खुल गए हैं लेकिन अधिकांश कक्षाएं खाली थीं क्योंकि माता-पिता ने पहले दिन अप्रिय घटनाओं के डर से अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। प्रशासन की घोषणा पर सोमवार को श्रीनगर में 190 प्राइमरी स्कूल खोल दिए गए हैं। हालांकि, कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं लगातार दूसरे दिन भी बंद रही। माता-पिता ने कहा कि उनके बच्चे तब तक घर रहेंगे जब तक सेलुलर नेटवर्क बहाल नहीं हो जाता और इसके जरिये वे उनके संपर्क में रह सकते हैं। बातामलो जिले में दो बच्चों के पिता गुलजार अहमद ने कहा, 'हम अपने बच्चों के जीवन को कैसे जोखिम में डाल सकते हैं?  हमारे बच्चे अपने घरों के अंदर सुरक्षित हैं। यदि वे स्कूल जाते हैं तो उनकी सुरक्षा की गारंटी कौन दे सकते हैं?' हालांकि, अधिकारियों ने इसपर अभी तक कोई भी जवाब नहीं दिया है।
प्रतिबंधों में भी दी जा रही है छूट


बताया जा रहा है कि प्रशासन लगातार जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात की समीक्षा कर रहे हैं। प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए एहतियात के तौर पर सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों को बड़ी संख्या में तैनात रखा है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से पांच अगस्त को आर्टिकल 370 हटाने का फैसला लिया गया था, तभी से सभी स्कूल व कालेज बंद हैं। कुछ दिनों से कश्मीर में लगातार हालात में सुधार हो रहा है। प्रतिबंधों में भी छूट दी जा रही है। अगर कुछ प्रदर्शनों को छोड़ दिया जाए तो पूरे जम्मू-कश्मीर में शांति बनी हुई है। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए सोमवार को श्रीनगर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में 190 प्राथमिक विद्यालय खोले गए। Happy Raksha Bandhan 2019: जम्मू-कश्मीर में जवानों को राखी बांधने पहुंचे स्कूली बच्चेजम्मू-कश्मीर बन गया केंद्र शासित प्रदेशबता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प व जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन व जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक पेश किया था। राज्यसभा में अनुच्छेद 370 संबंधी प्रस्ताव स्वीकार और जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक पास हो गया था। इसके बाद दूसरे दिन यह लोकसभा में पेश हुआ और शाम को यहां से भी हरी झंडी मिली गई। प्रस्ताव पास होने के बाद अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बन गया। वहीं लद्दाख को बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया।

Posted By: Mukul Kumar