- 800 राजधानी में यूपी बोर्ड के कुल मान्यता प्राप्त स्कूल

- 153 कुल राजकीय और एडेड स्कूलों की संख्या

- - 55801 स्टूडेंट्स हाईस्कूल बोर्ड एग्जाम में इस बार शामिल हो रहे

- 44277 स्टूडेंट्स इंटरमीडिएट बोर्ड एग्जाम में इस बार शामिल हो रहे

- 100078 स्टूडेंट्स यूपी बोर्ड में इस बार शामिल हो रहे कुल

- 600 प्री बोर्ड नहीं आयोजित कराने वाले कुल स्कूलों की संख्या करीब

- आधे से ज्यादा स्कूलों में नहीं हुआ प्री बोर्ड एग्जाम

- सबसे ज्यादा सेल्फ फाइनेंस स्कूलों में नहीं हुआ प्री बोर्ड

- डीआईओएस ने जनवरी में प्रस्तावित दूसरे प्री बोर्ड में सभी को शामिल कराने का दिया आदेश

- प्री बोर्ड में शामिल न होने पर नहीं जारी किया जाएगा एडमिट कार्ड, प्रिंसिपल होंगे इसके लिए जिम्मेदार

LUCKNOW : माध्यमिक शिक्षा परिषद के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड एग्जाम सात फरवरी से शुरू हो रहे हैं। इस बार बोर्ड एग्जाम की तैयारी के लिए डीआईओएस की ओर से सभी स्कूलों में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में दो-दो प्री बोर्ड कराने के आदेश दिए थे। पहला प्री बोर्ड दिसंबर के फ‌र्स्ट वीक में कराने को कहा गया था जो हर हाल में 15 दिसंबर तक समाप्त हो जाना था, ताकि स्टूडेंट्स के प्रैक्टिकल एग्जाम न प्रभावित हो सकें, लेकिन विभागीय सूत्रों का कहना है कि डीआईओएस के इस आदेश के बाद भी अभी तक राजधानी में करीब 80 फीसदी स्कूलों ने प्री बोर्ड एग्जाम नहीं कराएं, जिसमें सबसे ज्यादा संख्या सेल्फ फाइनेंस स्कूलों की है।

स्टूडेंट्स का पता नहीं कैसे कराएं एग्जाम

माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता डॉ। आरपी मिश्रा ने बताया कि ज्यादातर सेल्फ फाइनेंस स्कूलों में स्टूडेंट्स की क्लासेस रेगुलर नहीं संचालित होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में स्टूडेंट्स कभी भी रेगुलर क्लासेस के लिए नहीं आते हैं। इसका खुलासा खुद विभाग की ओर से समय-समय पर किए गए स्थलीय निरीक्षण में हुआ है। ऐसे में विभाग की ओर से प्री बोर्ड आयोजित कराने के आदेश को भी इन स्कूलों ने गंभीरता से नहीं लिया। शिक्षा विभाग ने जब पहले प्री बोर्ड एग्जाम के बारे में सभी स्कूलों से जानकारी मांगी तो, इस बात का खुलासा हुआ कि ज्यादातर स्कूलों ने अभी तक प्री बोर्ड आयोजित ही नहीं कराये हैं। इन स्कूलों से करीब 35 हजार स्टूडेंट्स इस बार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का बोर्ड एग्जाम देने जा रहे हैं।

कोर्स पूरा नहीं कैसे करा देते एग्जाम

वहीं इस पूरे मामले पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शहरी क्षेत्र में स्थित राजकीय, एडेड और सेल्फ फाइनेंस के कुछ स्कूलों ने प्री बोर्ड एग्जाम को गंभीरता से लिया, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में स्थित स्कूलों में यह आयोजित ही नहीं हुआ। अब प्रैक्टिकल एग्जाम का समय आ गया है, जिसके आड़ में स्कूलों ने इस मंथ प्री बोर्ड एग्जाम कराने से साफ इंकार कर दिया है।

दूसरा प्री बोर्ड हर हाल में आयोजित कराएं

डीआईओएस डॉ। मुकेश कुमार सिंह ने फ‌र्स्ट प्री बोर्ड नहीं कराने वाले स्कूलों को हर हाल में जनवरी में प्रस्तावित दूसरा प्री बोर्ड आयोजित कराने का आदेश दिया है। डीआईओएस ने ऑर्डर में कहा है कि अगर स्कूल प्री बोर्ड एग्जाम नहीं आयोजित कराएंगे तो उनके स्कूल का एडमिट कार्ड रोक दिया जाएगा। इसके लिए सीधे तौर पर प्रिंसिपल जिम्मेदार होंगे।

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खर्च से बचने के लिए नहीं कराया प्री बोर्ड

माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता डॉ। महेंद्र नाथ राय ने बताया कि प्री बोर्ड ना कराने वाले स्कूलों में एडेड और सेल्फ फाइनेंस दोनों ही स्कूल शामिल हैं। एडेड स्कूलों में बजट की भारी कमी होने के कारण अतिरिक्त प्रश्नपत्र छपवाने और कॉपियां खरीदने से परहेज कर रहे हैं तो वहीं सेल्फ फाइनेंस स्कूलों का भी यही हाल हैं। जिन स्कूलों ने प्री बोर्ड के नाम पर पैसा वसूल कर लिया वह एग्जाम करा रहे हैं। जिन्होंने नहीं वसूल किया वह इसे पीछे हट गए हैं।

Posted By: Inextlive