हार्ट और माइंड में होने वाली गंभीर बीमारियों के लिए इंसान के शरीर में खून का बिगड़ा हुआ प्रवाह काफी हद तक जिम्‍मेदार होता है। अब वैज्ञानिकों ने उसी रक्‍त प्रवाह को लगातार मॉनीटर करने का सबसे आसान तरीका खोज निकाला है। जी हां साइंटिस्‍ट्स ने एक ऐसी मोबाइल ऐप बनाई है जो रक्‍त प्रवाह को मापती रहती है और जरा गड़बड़ी होने पर एलर्ट कर देती है।

कनाडा की ओटावा यूनिवर्सिटी में विकसित की गई यह मोबाइल ऐप

ओटावा यूनीवर्सिटी के की एक रिसर्च टीम ने इंसान के शरीर में रक्त प्रवाह को मॉनीटर करने के लिए एक स्मार्टफोन ऐप विकसित किया है। जिसके बारे में बताया जा रहा है कि दिल में सामान्य रक्त प्रवाह को बहाल करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता वाले लोगों के मामले में यह प्रायोगिक स्मार्टफोन ऐप रक्त प्रवाह का बेहतर अनुमान लगा लेती है। जिससे डॉक्टरों को इलाज के संबध में बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है। इस तरह से यह ऐप रक्त प्रवाह को मापने के पारंपरिक तरीकों का एक प्रभावी विकल्प हो साबित हो सकती है।


रक्त प्रवाह की जांच में
94 परसेंट सटीक साबित हुई ये मोबाइल ऐप

इस रिसर्च टीम के हेड बेंजामिन हिब्बर्ट ने बताया है कि स्मार्टफोन की व्यापक उपलब्धता के चलते मेडिकल सेक्टर में भी इसका उपयोग काफी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में इस ऐप के इस्तेमाल से टेस्ट की लागत में भी काफी कमी आएगी। इस ऐप को स्मार्टफोन के कैमरे के और खास साफ्टवेयर या फोटोडायोड सेंसर के साथ उपयोग किया जाता है। इससे रक्त प्रवाह में बदलाव का पता आसानी से लगाया जा सकता है। इस रिसर्च में शामिल किए गए करीब 438 मरीजों के रक्त प्रवाह की जांच में इस ऐप को आजमाया गया और इसका नतीजा काफी शानदार रहा। यानि कि स्मार्टफोन ऐप का नतीजा 94 परसेंट सटीक पाया गया जबकि पारंपरिक Allen test 84 परसेंट तक ही सही रिजल्ट देता है

 

Allen test के बदले इस्तेमाल हो सकता है यह बेहतरीन और सस्ता तरीका

जिन मरीजों में सामान्य रक्त प्रवाह को बनाए रखने के लिए सर्जरी या एंजियोग्राफी की जरूरत होती है, उनमें परंपरागत रूप से एलन टेस्ट का उपयोग किया जाजा रहा है। जिसमें हाथों में रक्त प्रवाह तब तक रोका जाता है, जब तक कि वो सफेद न हो जाए। इसके बाद दो मुख्य धमनियों में से एक पर दबाव कम करके यह देखा जाता है कि क्या हाथ फिर से गुलाबी हो रहा है। ऐसा होना बताता है कि मरीज के शरीर में धमनी स्वस्थ है। स्मार्टफोन ऐप से इस रक्त प्रवाह की जाचं के लिए वैज्ञानिकों ने ऐलन टेस्ट के दौरान हाथ के रंग में होने वाले बदलाव को आधार बनाया और ऐप पर मोबाइल कैमरे से उसकी निगरानी की, जिससे ऐप से ऐनल टेस्ट से ज्यादा सटीक परिणाम दिए। इस नई मोबाइल ऐप से जुड़ी रिसर्च कनाडा के मेडिकल एसोसिएशन जर्नल की रिपोर्ट में प्रकाशित हुई है।

इनपुट: प्रेट्र


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Posted By: Chandramohan Mishra