-एएमए की वैज्ञानिक सेमिनार में एक्सप‌र्ट्स ने दिए जरूरी टिप्स

ALLAHABAD: हाई ब्लड प्रेशर, शुगर और हार्ट से रिलेटेड बीमारियां हैं तो होशियार हो जाइए। ऐसे लोगों को सीकेडी यानी क्रॉनिक किडनी डिजीज होने का खतरा होता है। इसलिए ऐसे मरीजों को अर्ली डायग्नोस्टिक का सहारा लेना चाहिए। समय रहते जांच हो जाने से वह भविष्य के खतरे से आगाह हो जाते हैं। यह बात फोर्टिस हॉस्पिटल के किडनी विभाग के चेयरमैन व सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ। संजीव गुलाटी ने कही। उन्होंने अर्ली डायग्नोस्टिक आफ क्रॉनिक किडनी डिजीज एंड इम्प्लीकेशंस फार द मेडिकल फ्रैटिनिटी पर व्याख्यान दिया। वह इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन की ओर से रविवार को आयोजित वैज्ञानिक सेमिनार में बोल रहे थे।

समय से लें दवा की खुराक

डॉ। गुलाटी ने कहा कि ऐसे मरीजों को नियमित खून की जांच कराने के साथ दवा की खुराक भी समय से लेते रहना चाहिए। इससे बीमारी नियंत्रण में रहती है। उन्होंने कहा कि लक्षणों के आधार पर लापरवाही बरतने से गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। सेमिनार में कई डॉक्टरों ने भाग लिया। जिसमें डा। अशोक अग्रवाल, डॉ। एलएस ओझा, डॉ। एनपी सिंह, डॉ। ओपी बजाज, डॉ। जीएल गुप्ता, डॉ। अभिलाषा चतुर्वेदी, डॉ। आरकेएस चौहान आदि शामिल रहे।

इन्होंने दिया विशेष योगदान

इसके पहले सेमिनार की अध्यक्षता एएमए के उपाध्यक्ष डॉ। सुजीत सिंह ने की। सेमिनार का संचालन वैज्ञानिक सचिव डॉ। आशुतोष गुप्ता ने किया। सेमिनार के संयुक्त सचिव डॉ। राजेश मौया्र रहे। उन्होंने कहा कि ऐसी ज्ञानव‌र्द्धक सेमिनार का आयोजन होते रहने से डॉक्टरों को इलाज की नई तकनीकों का पता चलता है।

Posted By: Inextlive