RANCHI: अगर आप भी बिरसा जू घूमने जा रहे हैं तो आपको सबकुछ बदला-बदला सा नजर आएगा। जी हां, अब जू में विजिटर्स को टिकट से एंट्री मिलेगी। वहीं लौटने के बाद टिकट ड्राप करने पर ही आप बाहर निकल सकेंगे। इस बीच अगर टिकट खो गया तो इसके बदले आपसे जुर्माना भी वसूला जा सकता है। जू के एंट्रेंस गेट पर मेट्रो की तर्ज पर ऑटोमेटिक गेट लगाने का काम चल रहा है। काम पूरा होते ही मार्च में इसे विजिटर्स के लिए चालू कर दिया जाएगा। बताते चलें कि हर साल बिरसा जू में लाखों लोग घूमने के लिए आते हैं। इससे जू प्रबंधन को भरपूर कमाई भी होती है।

क्या-क्या होंगी सहूलियतें

बिना टिकट जू में एंट्री नहीं

टिकट लेकर ही विजिटर्स जू में जा सकेंगे। इसके लिए टिकट को मशीन के स्क्रीन पर टच करना होगा। इसके बाद दरवाजा कुछ सेकेंड के लिए खुल जाएगा। वहीं गेट से अंदर जाते ही दरवाजा अपने आप बंद भी हो जाएगा। ऐसे में बिना टिकट के अब जू में इंटर कर पाना संभव नहीं होगा। वहीं भीड़ होने की स्थिति में भी विजिटर्स को ज्यादा परेशानी नहीं झेलनी होगी। चूंकि कई बार क्राउड वाले दिनों में कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में नई व्यवस्था लागू होने से प्रबंधन को भी राहत मिलेगी।

एग्जिट से पहले ड्रॉप करना होगा टिकट

फिलहाल जू घूमने के लिए लोगों को कैश काउंटर से कूपन जारी किया जाता है, जिसे स्टाफ को दिखाकर एंट्री मिल जाती है। वहीं भीड़ के समय एक कूपन पर दो-दो लोग भी चले जाते हैं। इस वजह से कैंपस में भीड़ काफी हो जाती है। लेकिन नई व्यवस्था के तहत लोगों को टिकट जारी किया जाएगा, जिसे दिखाकर एंट्री होगी और गेट बंद हो जाएगा। वहीं बाहर निकलने से पहले टिकट को मशीन में ड्रॉप करना होगा। इसके बाद ही आप बाहर निकल सकेंगे।

डिजेबल्स की एंट्री होगी फ्री

ऑटोमेटिक एंट्री गेट पर अलग-अलग कैटेगरी तय की गई है। इसमें बच्चों के लिए अलग, एडल्ट ग्रुप के लिए अलग, एडल्ट प्लस बच्चों के लिए अलग ग्रुप, फॉरेन विजिटर्स के लिए अलग व्यवस्था है। इससे मैनेजमेंट के पास सभी के डिटेल्स अवेलेबल होंगे कि कितने विजिटर्स जू में आए। साथ ही यह भी पता चल सकेगा कि कितने बच्चों ने जू को देखा।

टिकट से मिल जाएंगे छूटे हुए लोग

हर दिन जारी किए जाने वाले टिकट का रिकार्ड कंप्यूटर में होगा। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति जू में ही छूट जाता है तो टिकट से पता लगाया जाएगा कि वह बाहर क्यों नहीं निकला। चूंकि टिकट जारी करने के बाद शाम में ड्राप बाक्स की भी चेकिंग की जाएगी। ऐसे में यह पता चल जाएगा कि कितने टिकट वापस आए। इससे छूट गए व्यक्ति के बारे में पता लगाना आसान होगा।

वर्जन

मार्च से नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। यह सिस्टम मेट्रो की तर्ज पर लागू किया जा रहा है ताकि कहीं भी गड़बड़ी न हो। ट्रायल के बाद इसे चालू कर देंगे। रेट में भी कोई बदलाव नहीं होगा। कंप्यूटराइजेशन से हमारे पास पूरी डिटेल्स भी अवेलेबल रहेगी कि कितने विजिटर्स एक साल में आए।

प्रमोद कुमार, एसीएफ, बिरसा जू

Posted By: Inextlive