चार पेज के सुसाइड नोट में पीएम मोदी की तारीफ की और भ्रष्टाचार पर प्रहार किया।

प्रयागराज (ब्यूरो)। सुसाइड से पूर्व रिटायर्ड इंडियन एयर फोर्स कर्मचारी विजन दास (55) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा। इसके बाद खुल्दाबाद थाना क्षेत्र स्थित प्रयाग होटल के रूम नंबर 214 में फांसी लगा ली। अंग्रेजी में लिखे गए चार पन्ने के सुसाइड नोट में उसने दिल के सारे दर्द बयां किए हैं। उसने प्रधानमंत्री से अपने बेटे की मदद करने की मांग की है। उसने कांग्रेस नेता पी-चिदंबरम पर सवाल भी खड़े किए हैं। देश में चल रही मंदी के कारणों का उल्लेख करते हुए भ्रष्टाचार को सबसे बड़ा कारण बताया है।

ट्रेन से आया था प्रयागराज

असम के दारांग जनपद स्थित एचकेवी रोड शांतीपुर मंगलदाई निवासी विजनदास पुत्र चितरंजन दास हाल ही में इंडियन एयरफोर्स से रिटायर हुए थे। छह सितंबर को वह गुवाहाटी ट्रेन पकड़कर प्रयागराज पहुंचा। यहां प्रयाग होटल में वह 214 नंबर रूम बुककर रुक गया। होटल कर्मचारी बताते हैं कि सात सितंबर की रात उसने खाना भी नहीं खाया और रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। सभी सोचे कि सो गया होगा। सुबह आठ बजे सफाईकर्मी रूम साफ करने पहुंचा। काफी आवाज दिया पर वह नहीं बोला। इसके बाद सभी अपने काम में लग गए। ढाई बजे तक वह बाहर नहीं आया तो सूचना पुलिस को दी गई। खुल्दाबाद पुलिस पहुंची और दरवाजा तोड़वाई। दरवाजा तोड़ा गया तो उसका शव रेशम की रस्सी से छत में लगे पंखे से झूल रहा था। यह देख सभी दंग रह गए। पड़ताल में पुलिस को अंग्रेजी में लिखे चार पन्नों का लेटर व ट्रेन का टिकट मिला। लेटर में वह सुसाइड की वजह परिवार खासकर बेटे के लिए कुछ न कर पाने से खुद को खिन्न बताया। कमरे में मेज पर दारू की बोतल व नमकीन भी मिली है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

सुसाइड नोट में दर्ज उसकी कुछ वेदनाएं

-विजन दास ने सुसाइड नोट में लिखा फाइनेंस मिस मैनेजमेंट कुछ साल बाद पता चलता है। इसके लिए मोदी को दोषी ठहराना गलत है। नोटबंदी व जीएसटी से कुछ दिक्कतें आई पर मंदी के लिए के दोषी नहीं कहा जा सकता।

-मंदी की वजह टू-जी, कोल स्कैम जैसे भ्रष्टाचार की देन है। यह जानते सब हैं पर किसी ने कोई ब्लेम नहीं किया।

-पी। चिदंबरम ने खुद बताया कि पहले से वह प्लानिंग कर रहे थे। वकील से नेता बने कुछ लोगों के साथ वह रात भर बैठ कर कोर्ट केस की तैयारी कर रहे थे। यदि वह पाक-साफ थे तो उन्हें परामर्श की जरूरत क्या थी?

-प्रयागराज प्रशासन के लिए लिखा कि मैं करीब 1500 रुपए छोड़ रहा हूं। यह मेरा शव को दफनाने वाले के लिए है। मेरे शव को यहीं प्रयागराज में दफनवा दिया जाय। प्रशासन में घर वालों को कोई सूचना न दे।

-अंतिम के पन्ने पर वह लिखा कि मेरा बेटा विवेक अच्छा गाता है।

-पैसे की कमी के कारण वे उसे न तो प्लेटफार्म दे पाया और न एक घर दे सका। -मोदी जी मैं जानता हूं कि आप दिक्कत में चल रहे हैं, पर मेरे बेटे की मदद करिएगा।

-मेरा बेटा अब असहाय है। मैं अब शारीरिक रूप से इतना सक्षम भी नहीं कि उसके लिए कुछ कर सकूं। न देश के लिए कुछ कर सका न परिवार के लिए?
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Posted By: Inextlive