- अभी तक हेल्थ विभाग को एक भी मुखबिर ने नहीं दी सूचना

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60-हजार रुपए मुखबिर को सफल डिक्वॉयड ऑपरेशन करवाने पर मिलते हैं

1-लाख रुपए मिथ्या ग्राहक को दिया जाता है

40-हजार रुपए मिथ्या ग्राहक सहायक को दिए जाते हैं

3-किस्तों में यह धनराशि दी जाती है

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बरेली :

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की हेल्थ टीम को आज तक कोई मुखबिर ही ढूंढे नहीं मिल रहा है. नतीजा, शहर में धड़ल्ले से बगैर रजिस्ट्रेशन चल रहे अवैध हॉस्पिटल में अबॉर्शन हो रहे हैं. जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण ट्यूजडे को पीलीभीत बाईपास रोड पर चल रहे अबॉर्शन सेंटर का खुलासा होने से हुआ. एसीएमओ डॉ. रंजन गौतम ने पुलिस टीम के साथ छापा मारा तो खुलासा हुआ. अबॉर्शन सेंटर पर कार्रवाई होते ही अवैध धंधा चलाने वालों में हड़कंप मच गया. हालांकि विभाग ने वेडनसडे को भी अवैध अबॉर्शन करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. वहीं एसीएमओ डॉ. रंजन गौतम ने बताया कि अवैध रूप से चलाए जा रहे अबॉर्शन सेंटर संचालिका अनु सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

सिफारिश करने वालों में विधायक भी

पीलीभीत बाईपास रोड पर बगैर रजिस्ट्रेशन के चल रहे साई हेल्थ केयर में अबॉर्शन के धंधा का खुलासा होते ही विभाग ने कार्रवाई की तैयारी कर ली है. वहीं विभाग की कार्रवाई से बचने के लिए हेल्थ केयर संचालिका अनु सिंह की तरफ से वेडनसडे को कार्रवाई न करने के लिए कई सिफारिशें आई. सिफारिश करने वालों में विधायक भी शामिल थे. उन्होंने भी फोन पर अवैध रूप से संचालित हॉस्पिटल संचालिका के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने की सिफारिश की, लेकिन एसीएमओ ने एफआईआर दर्ज कराने की ही बात कही.

अब ऑटो ड्राइवर बनेंगे मुखबिर

हेल्थ विभाग के अफसरों का कहना है कि वर्ष 2017 में इस योजना का बजट बढ़ा तो उन्होंने प्रचार प्रसार भी किया, लेकिन कोई मुखबिर अभी तक सामने नहीं आया. अफसरों के अनुसार मुखबिर का नाम गोपनीय रखा जाता है फिर भी आज तक कोई मुखबिर आगे नहीं आया. इसके लिए अब अफसर ऑटो और ई-रिक्शा ड्राइवरों को जोड़ने की योजना बना रहे हैं. ताकि उन्हें इस मुखबिर योजना में सूचना मिल सके और भू्रण हत्या व जन्म से पहले लिंग परीक्षण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

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-अवैध रूप से चलाए जा रहे अबॉर्शन सेंटर की संचालिका के खिलाफ आज एफआईआर दर्ज करा दी जाएगी. इस योजना में मुखबिरों को आगे आना चाहिए ताकि इस तरह का गलत काम करने वालों का पर्दाफाश हो सके.

डॉ. रंजन गौतम, एसीएमओ

Posted By: Radhika Lala