Gorakhpur : जीबीटीयू काउंसिलिंग के अंतर्गत सैटर्डे को 1 लाख से अधिक रैंक वाले कैंडिडेट्स की काउंसिलिंग हुई. यह कैंडिडेट्स संडे से च्वॉइस लॉक कर सकेंगे लेकिन कैंडिडेट्स के लिए इस समय यह जरूरी है कि वह च्वॉइस लॉक में मैक्सिमम कॉलेजों को सेलेक्ट करें. क्योंकि कम कॉलेज लॉक करने में यह भी पॉसिबल है कि उनको कोई कॉलेज न मिल पाए.


नहीं पता चल रहा स्टेटसलास्ट इयर तक च्वॉइस लॉक के नेक्स्ट डे कैंडिडेट्स को अवेलबल सीट्स की स्थिति पता रहती थी। जैसे किन कॉलेजों में सीट्स भर चुकी हैं, किनमें वेकेंट हैं, किस कॉलेज की किस ब्रांच में सीट्स का क्या स्टेटस है आदि, लेकिन इस साल ऐसा नहीं है। इस साल काउंसिलिंग पूरी होने के बाद सभी कैंडिडेट्स के सीट अलॉटमेंट का रिजल्ट एक साथ 23 जुलाई को डिक्लेयर किया जाएगा। ऐसे में संभव है कि जिसने कम कॉलेज इस उम्मीद में लॉक किए हों कि उसे कोई न कोई कॉलेज तो मिल ही जाएगा, उसे कहीं भी एडमिशन न मिले। कैंडिडेट को दूसरा कोई चांस भी नहीं मिलेगा।लॉक मैक्सिमम कॉलेज


मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज में काउंसिलिंग के कोऑर्डिनेटर डॉ। बीएस राय ने बताया कि कैंडिडेट्स को चाहिए कि वह अधिक से अधिक च्वॉइस लॉक करें। कैंडिडेट्स को कम से कम 200 - 250 कॉलेज लॉक करना सजेस्टेबल है। चाहें तो कैंडिडेट्स इससे और अधिक कॉलेज लॉक करके खुद की सीट सिक्योर कर सकते हैं।कैंडिडेट्स कन्फ्यूज

कैंडिडेट्स का इस नए सिस्टम को काफी कन्फ्यूजिंग मान रहे हैं। एमएमएमईसी में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए आए कैंडिडेट्स ने बताया कि इस साल च्वॉइस लॉक कहीं से भी करने की फैसिलिटी दी गई यह तो अच्छा है लेकिन सीट्स का क्या स्टेटस है यह पता नहीं चल रहा। कैंडिडेट्स के अनुसार सीट्स का करेंट स्टेटस शो करने का अरेंजमेंट्स होना चाहिए था। ऐसे में कैंडिडेट्स के लिए कॉलेज और ब्रांच सेलेक्शन कन्वीनिएंट हो जाता।

Posted By: Inextlive