-रोडवेज बस परिचालक के पास डीएल की जगह सीएल (कंडेक्टर लाइसेंस) है

-बस ड्राइवर और कंडेक्टर नहीं पहनते हैं ड्रेस और आईडी कार्ड जिससे पैसेंजर खा रहे धोखा

>BAREILLY :

ट्रांसपोर्ट कमिश्नर पी गुरु प्रसाद के आदेश के बाद भी परिवहन निगम के बस ड्राइवर सीट बेल्ट और ड्रेस आईडी कार्ड का फॉलो नहीं कर रहे हैं। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने यह आदेश अप्रैल माह में आरएम के पास भेजा था। लेकिन अभी तक इस आदेश पर कोई गौर नहीं किया गया। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने मंडे को जब इसका रियलिटी चेक किया तो हकीकत सामने आ गई। रोडवेज बसों में कोई भी ड्राइवर सीट बेल्ट यू्रज करता नहीं मिला। जब रिपोर्टर ने सीट बेल्ट यूज न करने का कारण पूछा तो पता चला कि अधिकांश बसों में सीट बेल्ट ही नहीं है, और जिन बसों में सीट बेल्ट है उनके ड्राइवर्स सीट बेल्ट यूज करना नहीं चाहते हैं।

ड्राइवर नहीं पहनते ड्रेस

रोडवेज बस में चलने वाले अधिकांश बस ड्राइवर और कंडक्टर ड्रेस ही नहीं पहनते हैं। जबकि बस ड्राइवर और कंडक्टर को ड्रेस पहनना और गले में आईडी कार्ड रखना जरूरी है। ताकि उन्हें यात्री आसानी से पहचान सकें। क्योंकि रोडवेज बस की तरह फर्जी परिवहन निगम की बस का कलर करने के बाद बसे संचालित हो रही हैं जिससे यात्री गुमराह हो जाते हैं।

अधिकांश के पास डीएल नहीं

परिवहन निगम के अधिकांश बस परिचालक के पास तो ड्राइविंग लाइसेंस ही नहीं है। उनके पास डीएल की जगह पर सीएल यानी कंडक्टर लाइसेंस हैं। जिससे वह बस नहीं चला सकते हैं। बस परिचालकों का कहना हैं कि उन्हें तो केवल टिकट बनाना होता है। उनको डीएल की क्या जरूरत है।

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परिवहन निगम की रोडवेज बस में सीट बेल्ट ही नहीं है तो लगाए कहां से। सीट बेल्ट बस में लग जाएंगी तो फिर लगानी ही पड़ेगी अभी तो सीट बेल्ट की बात ही करने से कोई फायदा नहीं होगा।

महेन्द्र कुमार, ड्राइवर बरेली डिपो

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वोल्वो और नई बसों में ही सीट बेल्ट आ रही है पुरानी बसों में तो सीट ही बची है। सीट बेल्ट कहां बची है जिसे लगाया जाए। सीट बेल्ट विभाग लगवा देगा तो उसे लगाना भी शुरू कर दूंगा।

सुनील मिश्रा, ड्राइवर रूहेलखंड डिपो

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डीएल की हमें तो जरूर ही नहीं है, लेकिन मेरे पास तो डीएल है, लेकिन हैवी वाहन और पैसेंजर वाहन चलाने के लिए नहीं है। सीएल की जरूरत होती है, तो विभाग ने सभी कंडक्टर के लिए सीएल बनावाए हैं। सीएल जेब में रखा है, जरूरत पड़ने पर दिखा देता हूं।

जसपाल, परिचालक बरेली डिपो

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काफी समय से रोडवेज बस का परिचालक हूं, बस चलाने की कभी जरूरत ही नहीं पड़ी। बस तो ड्राइवर चलाते हैं, लेकिन मुझसे तो सीएल ही मांगा जाता है, चेकिंग के दौरान गले में लटका लेता हूं बाकी समय तो बैग में रखा रहता है।

लल्ला मियां, परिचालक रूहेलख्ांड डिपो

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अभी तो अधिकांश रोडवेज की बसों में सीट बेल्ट ही नहीं हैं। पहले तो सभी बसों में सीट बेल्ट लगवाई जाएगी तभी तो ड्राइवर यूज करेंगे। इसके लिए रीजनल वर्कशॉप मैनेजर से जानकारी करनी पडे़गी कि बसों में कब तक सीट बेल्ट लगाई जाएंगी।

राजीव चौहान, आरएम रोडवेज

Posted By: Inextlive