BAREILLY:

- देर रात तक चलती रही तकरीर, देश विदेश से पहुंचे उलमा

- शबाब पर पहुंचा उर्स ए रजवी, अनगिनत जुलूस और पताका बने उर्स के गवाह

- आला हजरत जिंदाबाद के नारों समेत जारी रहा चादरपोशी, गुलपोशी का सिलसिला

'पत्ती पत्ती फूल फूल, या रसूल या रसूल', इश्क मोहब्बत इश्क मोहब्बत आला हजरत। कुछ इन्हीं नारों के साथ उर्स ए रजवी में थर्सडे को शिरकत करने वाले जायरीन के जुबां पर थे। जायरीन आला हजरत की खिदमत में हाजिरी दी। वहीं दूसरे दिन भी शहर के कई रास्तों से होते हुए इस्लामिया ग्राउंड और दरगाह तक लंबी चादरों के साथ जत्थे की शक्ल में जायरीन पहुंचे। हर उम्र के जायरीन लाउडस्पीकर पर जारी तकरीर को सुनते हुए आला हजरत जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे।

कुल शरीफ की अदा हुई रस्म

उर्स ए रजवी के दूसरे दिन आला हजरत के छोटे साहब जादे मुफ्ती ए आजम हिंद हजरत मुस्तफा रजा खां के फ्ब्वें और पोते रेहान ए मिल्लत हजरत मौलाना रेहान रजा खां साहब के ख्9वें कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। देश-विदेश के हजारों जायरीन ने दरगाह पर हाजिरी देकर फातिहाख्वानी, गुलपोशी के साथ चादरपोशी की। इसके साथ मुल्क में अमन और चैन की दुआएं मांगी। सज्जादानशीन हजरत मौलाना सुब्हान रजा खां सुब्हानी मियां की सरपरस्ती, हजरत मौलाना अहसन रजा खां की सदारत और उर्स प्रभारी सय्यद आसिफ मियां व अल्हाज हसन रजा खां की देखरेख में मौलाना यूसुफ रजा सम्भली की निजामत में कारी साजिद उर रहमान ने तिलावते कुरान ए पाक से प्रोग्राम की शुरुआत की। मुफ्ती सलीम ए नूरी ने रेहान ए मिल्लत के किरदार व खिदमत पर रोशनी डाली। कारी अब्दुर्रहमान खां कादरी ने तकरीर से शुरुआत कलाम 'सागर ए खुश रंग का, न ही मैं गुलफाम का, मैं तो प्यासा हूं शाहे अहमद रजा के जाम का' पढ़ा।

उलमाए कराम ने की तकरीर

उर्स ए रजवी में यूके से शामिल होने आए मौलाना फरोग उल कादरी ने आला हजरत पर तकरीर करते हुए कहा कि आला हजरत इमाम ए आजम अबु हनीफा का मसलक से ताल्लुक है। उन्होंने कहा कि आला हजरत ने अपनी सारी उम्र दुनिया को नबी ए करीम से मोहब्बत, बड़ों की इज्जत, छोटों से मोहब्बत और आपसी भाईचारे पर जोर दिया। दूसरी ओर तकरीरी कार्यक्रम में मौलाना मुख्तार बहेड़वी ने पाकिस्तान में हुए स्कूली बच्चों पर हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि दहशतगर्दी की इस्लाम में कहीं कोई जगह नहीं है। पाकिस्तान में बच्चों पर हुए हमले को उन्होंने पूरी इंसानियत का कत्ल बताया। पूरी दुनिया में इस हमले ने मुसलमानों कौम को बदनाम किया है। इस मौके पर अजमेर शरीफ के गद्दीनशीन हजरत सुल्तान अहमद चिश्ती के सलमान रजा, ऑस्ट्रेलिया के मौलाना फरहान रजा सैफी, श्री लंका से आमिर सुहैल, सऊदी अरब के अब्दुल वासित, नेपाल के रियासत अली समेत अन्य उलमाए कराम ने तकरीर की।

पुस्तकों का हुआ विमोचन

तकरीर के बाद सज्जादानशीन हजरत मौलाना सुब्हान रजा खां ने कई किताबों का विमोचन किया। इसमें फतवा मुफ्ती ए आजम हिंद 'जिल्द', मंजर उर दुर्रर 'उसूल ए हदीस के हवाले से', मुसन्नफ अब्दुल रज्जाम 'हदीस ए नूर न साया' व अन्य पुस्तकों का विमोचन हुआ।

इनसेट में

उर्स ए कादरी रजवी में हुआ कुल शरीफ

रामपुर रोड़ स्थित मरकज अद्दिरा सातुल इस्लामिया जामेउतुर्रजा में थर्सडे को ताजदारे उहले सुन्नत इमाम अहमद रजा खां आला हजरत फाजिले बरेलवी के उर्स पर 'अंतर्राष्ट्रीय इमाम अहमद रजा कांफ्रेंस' आयोजित की गई। खिताब करते हुए मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी ने दीनी खिदमात में कुराने करीम का तर्जुमा, नआतगोई और दीने इस्लाम के मुखतलिफ विषयों पर कई किताबें लिखीं। कांफ्रेंस आला हजरत के मिशन और पैगाम को लाखों लोगों तक पहुंचाने के लिए हुई थी। रात में क्.ब्0 बजे मुफ्ती ए आजम हिंद मुस्तफा रजा खां का कुल शरीफ ताजुल शरिया अख्तर रजा खां की मौजूदगी में पढ़ा गया।

Posted By: Inextlive