- 18 वर्ष से कम उम्र में लड़कियों की शादी में बिहार दूसरा प्रमुख राज्य

- कम उम्र में शादी से डेवलपमेंट गोल हासिल करने में पिछड़ रहे हैं प्रभावित राज्य

PATNA : राजस्थान के बाद बिहार देश में दूसरा ऐसा राज्य हैं, जहां लड़कियों की शादी कम उम्र में कर दी जाती है। इसके कारण न केवल उनका स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि देश के सामने मिलेनियम डेवलपमेंट गोल हासिल करने में पिछड़ापन बरकरार रहता है। यह बातें सामाजिक क्षेत्र में एक लंबे अर्से से काम करने वाले कार्यकर्ता जोसू जोश ने कही। वे होटल पाटलिपुत्र अशोक में ब्रेकथ्रू संस्था की ओर से इस संबंध में आयोजित एडवोकेसी प्रोग्राम पर बोल रहे थे।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बिहार में महिलाओं से संबंधित कई कार्यक्रम हैं, लेकिन इस संबंध में पर्याप्त बजट का अभाव है। जेंडर बजट में कोताही का एक नकारात्मक असर देखा जा रहा है।

म्8 प्रतिशत लड़कियों की अर्ली मैरेज

यूनिसेफ के एक आंकड़ें के मुताबिक बिहार में म्8 प्रतिशत लड़कियों की शादी क्8 वर्ष से कम उम्र में ही कर दी जाती है। इस बारे में प्राक्सिस संस्था के डायरेक्टर अनिंदो बनर्जी ने कहा कि अभी बिहार- यूपी जैसे राज्यों में कम उम्र में शादी को सामाजिक रूप से गलत नहीं माना जाता है। हाल ही में बे्रकथ्रू संस्था की ओर से गया जिले में किए गए सर्वे में यह बात सामने आयी कि सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने के मकसद से कम उम्र में लड़कियों की शादी कर दी जाती है। इस आयोजन का उदेश्य है कि कम उम्र में शादी की समस्या को खत्म करने के लिए संबंधित जातीय समूहों की पहचान करना, सरकार, मीडिया और सिविल सोसाइटी की साझेदारी बढ़ाते हुए इसका हल निकालना।

Posted By: Inextlive