-सीपीएमटी सेकेंड काउंसिलिंग में चांस मिला तो चेहरे पर बिखरी मुस्कान

-87 नए कैंडिडेट्स ने कराया रजिस्ट्रेशन

ALLAHABAD: कहते हैं कि अगर किसी काम के लिए पूरे जज्बे और ईमानदारी से प्रयास किए जाएं तो देर से ही सही सफलता आपका दरवाजा जरूर खटखटाती है। कुछ ऐसा ही उन कैंडिडेट्स के साथ हुआ जिन्होंने एमबीबीएस की में एडमिशन के लिए जमकर मेहनत तो की थी, लेकिन पहले चांस में मौका नहीं मिला। मेहनत पूरे मन से की थी इसलिए उम्मीद कायम थी। सीपीएमटी सेकेंड राउंड की काउंसिलिंग शुरू हुई तो अपग्रेडेशन के जरिए उनको एमबीबीएस की सीटें एलॉट हो गई, जिससे उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मौके पर मौजूद पैरेंट्स की आंखें भी खुशी से छलक उठीं। बुधवार को कुल एक दर्जन कैंडिडेट्स को एलॉटमेंट लेटर दिया गया।

केवल एक को मिला लखनऊ

बुधवार को एसआरएन हॉस्पिटल के टेली मेडिसिन सेंटर पर शुरू हुई सीपीएमटी सेकेंड राउंड काउंसिलिंग में एक दर्जन कैंडिडेट्स अपग्रेड हुए। इनको एमबीबीएस की सीटें एलॉट की गई। इनमें से एक को लखनऊ और तीन को कानपुर मेडिकल कॉलेज मिला। काउंसिलिंग प्रभारी डॉ। देवाशीष शर्मा ने बताया कि यूपी के मेडिकल कॉलेजेस में बीच 70 सीटों के लिए प्रक्रिया आयोजित की गई है। वहीं, बुधवार को इलाहाबाद, कानपुर और लखनऊ कॉलेजों की सीटें फुल हो गई। गुरुवार और शुक्रवार के लिए कुल 87 कैंडिडेट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया है। बता दें कि एआईपीएमटी में सेलेक्शन होने के बाद कई कैंडिडेट्स ने सीपीएमटी की सीटें छोड़ दी हैं। इसके बाद ही सेकेंड राउंड की काउंसिलिंग आयोजित की गई है।

एमबीबीएस बनेगा 'मुन्ना भाई'

जिन कैंडिडेट्स को एमबीबीएस सीट एलॉट हुई उनमें जौनपुर जिले के सराय बीका गांव का मुन्ना भी शामिल था। इस राउंड में उसे आजमगढ़ मेडिकल कॉलेज में जगह मिली है। वह न्यूरो सर्जन बनकर गरीबों की सेवा करना चाहता है। उसके पिता विजय बहादुर पटेल किसान हैं। तीन बेटों में दूसरे नंबर के मुन्ना को डॉक्टर बनने की चाहत थी, लेकिन गरीबी रोड़े अटका रही थी। ऐसे में बड़े बेटे नन्हें ने सूरत के साड़ी मिल में काम करके मुन्ना की पढ़ाई में मदद की।

Posted By: Inextlive