- स्टेशन में कोई भी संदिग्ध हो सकता है दाखिल

- एंट्री प्वॉइंट्स पर न तो कोई सुरक्षाकर्मी न ही मेटल डिटेक्टर

- सीसीटीवी कैमरे भी खराब, नहीं होती मॉनिटरिंग

देहरादून, दून रेलवे स्टेशन यात्रियों के लिए सेफ नहीं है। सिक्योरिटी के इंतजाम बदहाल हैं, कई वारदातें भी रेलवे स्टेशन में हो चुकी हैं। गुरुवार को ही एक शराबी ने जनता एक्सप्रेस में खतरे की अफवाह फैला कर हड़कंप मचा दिया था। एसपी सिटी को मौके पर पहुंचा पड़ा था। स्टेशन की सुरक्षा पर नॉर्दन रेलवे के आला अफसर भी सवाल उठा चुके हैं, लेकिन हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शुक्रवार को स्टेशन का रियलिटी चेक किया तो कई खामियां सामने आईं।

एंट्री प्वॉइंट पर नो सिक्योरिटी

रेलवे स्टेशन के कैंपस और एंट्री प्वॉइंट पर कोई सुरक्षाकर्मी नजर नहीं आया। प्लेटफॉर्म पर कुछ पुलिसकर्मी नजर तो आए लेकिन वे भी एक्टिव मोड में नहीं थे। न तो किसी पैसेंजर की तलाशी ली जा रही थी, बिना रोक-टोक यात्री स्टेशन में दाखिल होते दिखे।

मेटल डिटेक्टर सिस्टम खराब

प्लेटफार्म तक पहुंचने के लिए रेलवे स्टेशन में इन और आउट दो गेट बनाए गए हैं। एंट््री गेट पर डोरफ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) लगाया गया है, लेकिन वह खराब है। एक्जिट गेट से भी लोग यहां दाखिल हो जाते हैं, लेकिन वहां न तो कोई सुरक्षाकर्मी तैनात मिला, न ही मेटल डिटेक्टर।

सीसीटीवी कैमरे हैं, लेकिन काम के नहीं

प्लेटफार्म पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिसमें से कुछ खराब हैं। जो कैमरे चालू हालात में है। उनमें भी क्लियरटी नहीं है। इसका पता तब चला, जब गुरुवार को एक शराबी ने रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में खतरा बताकर उसे डेढ़ घंटे तक रुकवा दिया। अगर सीसीटीवी कैमरे होते और मेटल डिटेक्टर वर्किग मोड में होते तो अफवाह का पहले ही पता चल जाता, वहीं सीसीटीवी कैमरे में आरोपी की तस्वीर तो कैद हुई लेकिन वह इतनी धुंधली थी कि उसे आईडेंटिफाई करना मुश्किल थी। हालांकि, देर रात तक आरोपी पुलिस ने दबोच लिया था।

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रेलवे मैनेजमेंट को कई बार सीसीटीवी कैमरा दुरुस्त करने और मेटल डिटेक्टर को रिपेयर कराने के लिए लिखित रूप में दिया जा चुका है। ताकि, संदिग्धों पर नजर रखी जा सके। सीसीटीवी खराब होने के कारण मॉनिटरिंग में दिक्कत आ रही है।

प्रताप सिंह नेगी, इंचार्ज, आरपीएफ

Posted By: Inextlive