कलक्ट्रेट में लगे टावर पर चढ़ा निजी सुरक्षा एजेंसी का कर्मचारी

स्थायी नौकरी, बचा हुआ वेतन की मांग को लेकर कर रहा थ मांग

आगरा। कलक्ट्रेट में मंगलवार को नौ घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला। निजी सुरक्षा एजेंसी (सीआइएसपी) के एक कर्मचारी ने हंगामा खड़ा कर दिया। 75 फीट ऊंचे मोबाइल टॉवर पर चढ़कर वह अपने लिए मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय में स्थाई नौकरी की मांग करने लगा। इतना ही नहीं सुरक्षा एजेंसी से हटाये गए 15 अन्य कर्मचारियों को भी नौकरी पर रखने की मांग पर अड़ गया। नौ घंटे तक चले इस हंगामे ने पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की सांस अटका दी। इस दौरान वह तेज धूप में टॉवर पर चढ़ा रहा। मांगों पर विचार के आश्वासन के बाद वह टॉवर से उतरा।

मची रही अफरा-तफरी

मानसिक आरोग्यशाला में है तैनात

बोदला निवासी सुभाषचंद्र मानसिक आरोग्यशाला में निजी सुरक्षा कंपनी सीआईएसपी कंपनी द्वारा थ्रू अटेंडेंट के तौर पर तैनात है। करीब 10 साल पहले उसकी तैनाती हुई थी। इसके बाद करीब दो साल पहले उसका ट्रांसफर एक बैंक में कर दिया गया, लेकिन उसने ज्वाइन नहीं किया। मेडिकल पर चला गया। इसके बाद कंपनी ने उसका भुगतान रोक दिया। इस दौरान एजेंसी ने 15 अन्य लोगों को भी नौकरी से निकाल दिया। इन्हीं विषयों को लेकर वह शासन और प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए मंगलवार सुबह करीब आठ बजे वह कलक्ट्रेट स्थित 75 फीट ऊंचे मोबाइल टावर पर चढ़ गया। इसकी जानकारी होते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस ने उसे उतरने के लिए काफी समझाया भी, लेकिन वह मांगे पूरी न हो जाने तक उतरने के लिए कहता रहा। दोपहर करीब एक बजे गरीब सेना के लव पंडित पहुंचा। उसने सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिस के अधिकारियों के साथ वार्ता की। पुलिस प्रशासन ने उन्हें आश्वासन दिया कि जो संभव हो सकेगा, वह किया जाएगा। बावजूद इसके वह लिखित में आश्वासन की मांग करने लगा। मांगों पर विचार के आश्वासन के बाद ही शाम को करीब पांच बजे वह टावर से नीचे उतरा।

अन्य कर्मचारी भी पहुंचे

कलक्ट्रेट में अन्य कर्मचारी भी यहां पर पहुंचे। उन्होंने कंपनी के मैनेजर की शिकायत दर्ज कराई। सिटी मजिस्ट्रेट प्रभाकांत अवस्थी ने कंपनी के मैनेजर को बुलाया। उसे निर्देशित किया गया है कि कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों को किसी तरह की परेशानी नहीं आनी चाहिए।

मोबाइल और ग्लूकोज लेकर गया था

सुभाष टॉवर पर अपने साथ मोबाइल फोन और ग्लूकोज का पैकेट लेकर गया था। वह गरीब सेना का सदस्य है और पांच बजे घर से निकला था। गरीब सेना के प्रमुख बाल योगी लव कुमार से मिला फिर कलक्ट्रेट में पहुंचा। पुलिस ने बाल योगी को कलक्ट्रेट में बुला लिया। अफसरों ने नगर निगम टॉस्क फोर्स को भी मौके पर बुला लिया। प्रशासनिक अफसरों ने मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के अफसरों को फोन कर पूरी जानकारी दी। जल्द कलक्ट्रेट पहुंचने के लिए कहा लेकिन अधिकारी सुबह साढ़े दस बजे पहुंचे। अधिकारियों में संस्थान के निदेशक प्रो। सुधीर कुमार, अधीक्षक डॉ। दिनेश राठौर सहित अन्य शामिल थे।

कलक्ट्रेट की सुरक्षा में चूक

कलक्ट्रेट परिसर में आधा दर्जन होमगार्ड तैनात हैं। मोबाइल टॉवर पर चढ़ना आसान नहीं है। उसके चारों ओर लोहे का बॉक्स लगा हुआ है। सीढ़ी परिसर की ओर है लेकिन टॉवर पर चढ़ने के दौरान किसी की नजर नहीं पड़ी।

आर्थिक तंगी में उठाया कदम

सुभाष के तीन बच्चे अमित, सुमित और परी हैं। एजेंसी उसे नौ हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन देती है जिसमें पीएफ और अन्य मदों में कटौती के बाद सात हजार रुपये प्रतिमाह मिलता है।

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- कार्य में लापरवाही के चलते सुभाष चंद्र का तबादला किया गया था। मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में एक मरीज की पिटाई कर दी थी। जिस पर मरीज को एसएन में भर्ती कराना पड़ा। मेरे खिलाफ पत्नी से छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया।

अचल सिंह, मैनेजर सीआइएसपी एजेंसी

सुभाषचंद्र की मानसिक आरोग्यशाला में ही तैनाती रहेगी, लेकिन बतौर अटेंडेंट नहीं। इसके लिए कंपनी के मैनेजर को निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही उसकी समस्याओं के समाधान के लिए भी कहा गया है।

प्रभाकांत अवस्थी

सिटी मजिस्ट्रेट

Posted By: Inextlive